धनबाद(DHANBAD): धनबाद के माथे पर क्या सचमुच भस्मासुर का हाथ पड़ गया है.या जनप्रतिनिधियों ने जनता से जुड़े मुद्दों पर आंखे बंद कर ली है.यह सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि सुविधाओं की सारी अहर्ताओं को पूरा करने के बावजूद धनबाद के किस्मत में मिलता है शून्य बटा सन्नाटा. एयरपोर्ट तो नहीं मिला, अंतरराष्ट्रीय बस अड्डा भी नहीं मिला, बड़े शहरों के लिए सीधी ट्रेन सेवा भी नहीं मिली, कचरा प्रोसेसिंग प्लांट भी बनकर तैयार नहीं हुआ, लेकिन इस बीच धनबाद से मेडिकल वेस्ट प्लांट छिन गया. अभी तक निगम कचरा डंपिंग के लिए द्वारे द्वारे घूम रहा है. जहां भी जा रहा है डंपिंग का विरोध हो रहा है. इन परिस्थितियों के बावजूद कचरा प्रोसेसिंग प्लांट नहीं बन पाया है.
7 करोड़ की लागत से प्रस्तावित बायो मेडिकल वेस्ट प्लांट अब नहीं लगेगा
इधर, रामगढ़ में बायो मेडिकल वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट रहने की वजह से धनबाद में 7 करोड़ की लागत से प्रस्तावित बायो मेडिकल वेस्ट प्लांट अब नहीं लगेगा. नगर विकास विभाग ने 100 किलोमीटर के दायरे में एक बायो मेडिकल वेस्ट प्लांट रहने की योजना लागू कर दी है. इस नियम के बाद धनबाद में प्रस्तावित बायो मेडिकल वेस्ट प्लांट की योजना जमीन पर उतरने से पहले ही हवा में उड़ गई. साल 2021 में क्लीन एयर प्रोग्राम योजना के तहत धनबाद में बायो मेडिकल प्रोसेसिंग प्लांट बनाने के लिए 7 करोड़ रुपए मिले थे. 2 साल तक जमीन नहीं मिली. लेकिन अब सरकार के नए नियम से धनबाद बायो मेडिकल वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट से वंचित हो गया है. अगर समय पर इसका निर्माण कर लिया गया होता तो कम से कम धनबाद को मेडिकल वेस्ट प्लांट मिल जाता.
धनबाद हर तरह की सुविधाओं से वंचित
अब अगर आंकड़े पर गौर करें तो धनबाद से प्रतिदिन 300 मेट्रिक टन से अधिक बायो मेडिकल वेस्ट निकलता है. यह बायोमेडिकल वेस्ट कभी आठ लेन सड़क के किनारे तो कभी शहर से दूर कहीं फेंका हुआ दिखता है. रामगढ़ की एक निजी कंपनी शहर से बायो मेडिकल वेस्ट उठाकर प्रोसेसिंग के लिए ले जाती है. लेकिन कभी इस बात की जांच नहीं हुई कि यह मेडिकल वेस्ट कहां जाकर डंप होते हैं. एक तो प्रदूषण के कारण धनबाद जिला गंभीर बीमारियों की चपेट में है. दूसरी ओर मेडिकल वेस्ट जगह-जगह फेंके मिलते हैं. इस पर कभी किसी का ध्यान नहीं जाता. नतीजा है कि धनबाद हर तरह की सुविधाओं से वंचित होता जा रहा है. राजनीतिक दल के लोग बड़ी-बड़ी बातें करते हैं लेकिन जरूरी आवश्यकताओं पर उनका ध्यान होता नहीं है. नतीजा सबके सामने है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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