टीएनपी डेस्क: पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला के ग्रामीण एक बार फिर बंगाल टाइगर के दहशत के साये में जीने को मजबूर हो गए हैं. एक बार फिर यहां पश्चिम बंगाल का बाघ वापस लौट आया है. माकुली जंगल क्षेत्र में बाघ के पंजों के निशान भी देखे गए हैं. बाघ के विचरण से ग्रामीणों में खौफ है. लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो गए हैं. बाघ क्षेत्र के जानवरों को अपना निशाना बना रहा है. क्योंकि, गांव के एक ग्रामीण का बैल पिछले दो-तीन दिनों से लापता है. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि बैल का शिकार बाघ ने किया है. हालांकि, अभी तक बाघ ने किसी ग्रामीण को नुकसान नहीं पहुंचाया है.
वहीं, घाटशिला वन क्षेत्र के DFO और रेंज कर्मियों की टीम माकुली जंगल क्षेत्र का जायजा ले रही है. बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग जुटी हुई है. बाघ के गतिविधियों का पता लगाने के लिए वन विभाग कैमरा ट्रैप लगाने की योजना बना रही है. ऐसे में वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि जब तक बाघ पकड़ में न आए तब तक वे सतर्क रहे और अंधेरे में घर से बाहर न निकले. साथ ही जब तक जरूर न हो जंगल कि ओर न जाएं. अगर इलाके में बाघ की गतिविधि की शंका ही तो तुरंत इसकी सूचना विभाग को दें.
बता दें कि, घाटशिला के जंगलों में घूम रहा यह बाघ बंगाल का है. कुछ दिनों पहले बाघ के पंजों के निशान पटमदा के बाटालुका-हमबेड़ा गांव में तीन जगहों पर मिले थे. अब इस बाघ के पंजों के निशान घाटशिला के माकुली जंगल में पाया गया है.
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