बंगाल: बाबरी मस्जिद बिध्वंश के 33 साल बाद यह कैसे बन गया बंगाल में बड़ा "राजनीतिक मुद्दा",क्या है टीएमसी का आरोप!


धनबाद(DHANBAD): बाबरी मस्जिद बिध्वंश के 33 साल बाद बंगाल की राजनीति पर उसकी बड़ी छाप दिख रही है. बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है. इस बीच बंगाल में बाबरी मस्जिद का मामला बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है. टीएमसी के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर मुर्शिदाबाद में आज 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद स्टाइल के मस्जिद का आधारशिला रखने जा रहे है. बताया जाता है कि शुक्रवार को कोलकाता हाई कोर्ट ने इस कार्यक्रम पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने राज्य सरकार को कानून -व्यवस्था बनाए रखने को कहा है.
निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने 22 दिसंबर को नई पार्टी की करेंगे घोषणा
टीएमसी के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर का दावा है कि वह 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद शैली के मस्जिद के शिलान्यास के बाद 22 दिसंबर को नई पार्टी की घोषणा करेंगे. उनका दावा है कि सीपीएम और आई एमआईएम जैसी पार्टियों उनके साथ गठबंधन को तैयार है. वह 135 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा कर रहे है. हालांकि टीएमसी का दावा है कि यह केवल अल्पसंख्यक वोटो को बांटने की कोशिश है और इसके पीछे बीजेपी की बड़ी भूमिका है. सूचना के अनुसार टीएमसी के निलंबित विधायक अपनी जिद पर अड़े है. वह आज बाबरी मस्जिद शैली की एक मस्जिद का शिलान्यास करने जा रहे है. दावा किया है की मस्जिद के शिलान्याश के लिए सऊदी अरब से मौलवियों को बुलाया गया है.
विशाल आयोजन की तैयारियां लगभग पूरी, भव्य पंडाल बन कर तैयार
बता दें कि पश्चिम बंगाल के उत्तर-दक्षिण मुख्य राजमार्ग एनएच (राष्ट्रीय राजगमार्ग)-12 के किनारे स्थित विशाल आयोजन स्थल पर तैयारियां उसी जोर-शोर से चल रही है. भीड़ के लिए शाही बिरयानी बनाने के लिए मुर्शिदाबाद की सात खानपान एजेंसियों को कॉन्ट्रेक्ट दिया गया है. मेहमानों के लिए लगभग 40,000 पैकेट और स्थानीय निवासियों के लिए 20,000 पैकेट बनाए जा रहे है. करीबी सहयोगी ने बताया कि 150 फुट लंबा और 80 फुट चौड़ा यह मंच लगभग 400 मेहमानों के बैठने की क्षमता के साथ 10 लाख रुपये की अनुमानित लागत से बनाया जा रहा है. आयोजकों ने बताया कि लगभग 3,000 स्वयंसेवक भीड़ को नियंत्रित करने, पहुंच मार्गों को नियंत्रित करने और राष्ट्रीय राजमार्ग-12 पर अवरोधों को रोकने के लिए तैनात किए गए हैं.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
4+