भारत सरकार को करोड़ों का चूना लगाने वाले BCCL अधिकारी आज करेंगे सरेंडर, जानिए क्या है पूरा मामला


धनबाद(DHANBAD): BCCL की पूर्व सीएमडी सहित अन्य को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है. 2017 में बीसीसीएल के अधिकारी एवं चाइनीज कंपनी के अधिकारियों के साथ मिलकर 11.6 करोड के रोड हेडर मशीन की खरीद में घोटाले का इन अधिकारियों पर आरोप है. हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद पूर्व सीएमडी सहित अन्य अधिकारी निचली अदालत में सरेंडर करने पहुंचे लेकिन तकनीकी कारणों से आत्मसमर्पण नहीं हो सका. अब आज अधिकारी सरेंडर करेंगे. निचली अदालत में आरोपियों को आत्मसमर्पण कर बंध पत्र दाखिल करना है. आपको बता दें कि 4 वर्ष के अनुसंधान के बाद सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधी शाखा ने रोडहेडर मशीन खरीदारी घोटाले में 17 लोगों के खिलाफ पिछले साल आरोप पत्र दायर किया था. सीबीआई ने जांच के बाद 4 पूर्व अधिकारियों को क्लीन चिट दे दी थी. 2 दिसंबर 21 को अदालत ने सभी के खिलाफ संज्ञान लेते हुए हाजिर होने का आदेश दिया था. आरोपियों के खिलाफ सीबीआई की ओर से आरोप लगाया गया था कि वर्ष 2017 में आरोपियों ने चाइनीस कंपनी के साथ षड्यंत्र कर सरकारी नियमों का उल्लंघन करते हुए मशीन की खरीदारी की है. बता दें वर्ष 2017 में बीसीसीएल द्वारा चाइनीज कंपनी से रोड हेडर मशीन की खरीददारी में अधिकारियों द्वारा चीनी कंपनी के साथ षड्यंत्र कर सरकारी नियमों और तय मानकों की अनदेखी कर बीसीसीएल को 11.6 करोड़ का चूना लगाने के चर्चित मामले में मंगलवार को बीसीसीएल के पूर्व सीएमडी टी के लहरी, रुद्रजीत दस गुप्ता,दिनेश चंद्र झा, केसरी किशोर शरण सिन्हा, गिरिजा उपरेती, आलोक मंडल ने अदालत में सरेंडर करने पहुंचे परंतु तकनीकी वजहों से उनका सरेंडर अदालत में नहीं हो सका बचाव पक्ष के अधिवक्ता आयुष श्रीवास्तव ने बताया कि तकनीकी वजह से आज अदालत में सरेंडर नहीं हो पाया उन्होंने बताया कि बुधवार को आरोपियों को अदालत में सरेंडर कराएंगे.
जानिए क्या है मामला
सीबीआइ ने बीसीसीएल के पूर्व सीएमडी टीके लाहिड़ी समेत 16 लोगों के खिलाफ चीनी कंपनी से मिलीभगत कर 11.6 करोड़ के घोटाले का 22 नवंबर 2017 को भंडाफोड़ किया था. इन अधिकारियों पर सीबीआइ ने चार्जशीट में आरोप लगाया था कि रोड हेडर मशीन की खरीद में तय मानकों की जमकर अनदेखी की गई तथा किसी को फएड पहुँचने के उद्देश्य से ये करे विक्रय हुआ है. जरूरत से अधिक खर्च किया गया है. जो मशीन चाहिए थी उसके स्थान पर बड़ी मशीन खरीदी गई. और इसका नतीजा यह हुआ की वह खराब हो गई. इन बीसीसील अधिकारियों पर सीबीआइ ने यह आरोप भी लगाया कि नियमों के विरुद्ध चीनी कंपनी को मशीन भारत पहुंचने से पूर्व ही एडवास 11.6 करोड़ का भुगतान कर दिया गया था. इसके लिए अधिकारी दोषी पाए गए है. सीबीआई ने साफ कहा कि बीसीसीएल अधिकारियों ने रोड हेडर मशीन की खरीददारी में सरकारी नियमों का उल्लंघन करते हुए दो मशीन की खरीदारी की थी. इन मशीनों को डब्ल्यूजे एरिया मुनिडीह में रखा गया था, जिनमें से एक मशीन नवंबर 2015 में तथा दूसरी तीन फरवरी 2016 को ब्रेकडाउन हो गई. सीबीआइ ने दावा किया है कि आरोपितों द्वारा बीसीसीएल एवं भारत सरकार को करीबी 11.6 करोड़ रुपये का चूना लगाया था. सीबीआइ ने अनुसंधान के बाद कुछ वैसे लोगों के खिलाफ भी आरोप पत्र समर्पित किया है जो प्राथमिकी के नामजद आरोपित नहीं हैं. चार वर्षों के अनुसंधान के बाद सीबीआई के भ्रष्टाचार निरोधी शाखा ने रोड हेडर मशीन की खरीदारी में किए गए घोटाले का पर्दाफाश करते हुए लहरी समेत पूर्व अधिकारियों, चाइनीज कंपनी तथा कंपनी के भारतीय एजेंट समेत 17 लोगों के खिलाफ 23 सितंबर 2021 को आरोप पत्र दायर किया था. वहीं सीबीआई ने चार पूर्व अधिकारियों को क्लीन चिट दी थी. जिनमे वीके सिन्हा, आरडी आरआई-2, एके दत्ता पूर्व जीएम मुनीडीह, एसके सिंह पूर्व चीफ मैनेजर व अमिताभ साहा के नाम शामिल है.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद
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