रांची(RANCHI): बरहरवा टोल टेंडर मामले में पुलिस अधिकारियों से पूछताछ करने के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकार को चुनौती देने वाली रिट याचिका को लेकर झारखंड सरकार को उच्चतम न्यायालय में झटका लगा है. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने झारखंड राज्य द्वारा दायर आपराधिक रिट याचिका 533/2022 पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बजाय झारखंड उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाए. शीर्ष अदालत ने यह भी पूछा कि झारखंड सरकार ने इस मामले में याचिका क्यों दाखिल की.
पुलिस की कार्रवाई पाई गई संदेहास्पद
बता दें कि साहेबगंज जिले के बड़हरवा में टेंडर विवाद में पुलिस ने पंकज मिश्रा और आलमगिर आलम को क्लीन चीट दी थी. जिसके बाद इस विवाद में साहेबगंज पुलिस की भूमिका संदेहास्पद पाई गई. पंकज मिश्रा और मंत्री आलमगीर आलम को इस मामले में जांच कर रहे तत्कालीन डीएसपी प्रमोद कुमार मिश्रा ने प्राथमिकी दर्ज होने के 24 घंटे के भीतर ही क्लीन चिट दे दी थी. इसी बयान के आधार पर ईडी साहेबगंज पुलिस के एसडीपीओ राजेन्द्र दुबे से पूछताछ कर चुकी है और इसी मामले में डीएसपी को भी तलब किया गया था. लेकिन डीएसपी ईडी के बुलावे पर नहीं उपस्थित हुए. जिसके बाद उलटे हेमंत सोरेन ने ईडी के ही विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में रीट फाइल कर दिया और ईडी को अपने ना आने का यही हवाला देखर कहा कि जबतक सुप्रीम कोर्ट का निर्देश नहीं आता तबतक राज्य की पुलिस ईडी के सामने पेश होने मे असमर्थ है. इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई करने से मना कर दिया है.
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