रांची(RANCHI): आरक्षण रोस्टर के तहत राज्य निर्वाचन आयोग ने रांची नगर निगम की मेयर सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दी है. इसको लेकर आदिवासी संगठनों को बड़ा ऐतराज है. उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया है. कई सत्ता पक्ष के नेता ने कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्य समन्वय समिति के आमंत्रित सदस्य बंधु तिर्की को नियंत्रित करने के लिए कह रहे हैं. उनके आवास पर विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा माननीय मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया है. बंधु तिर्की मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का काम करेंगे.
प्रेस वार्ता के दौरान कहा गया कि ज्ञापन में पांचवी अनुसूचित क्षेत्र रांची जिला के अंदर नगर निकाय चुनाव में एसटी आरक्षित सीट को हटाकर एससी सीट करने का विरोध किया गया है. कई संगठनों ने इसका विरोध किया है. नए रोस्टर के हिसाब से अभी एससी सीट है यानी मेयर की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.
बंधु तिर्की के नेतृत्व में सीएम से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल
बंधु तिर्की ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर लेकर समस्त आदिवासी संगठन का एक प्रतिनिधि मंडल जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी भावना से अवगत कराएगा. इसकी अगुवाई बंधु तिर्की करेंगे. बंधु तिर्की ने कहा कि रांची नगर निगम के मेयर के एकल पद को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित करना आदिवासी दलित पिछड़ों की एकता को छिन्न-भिन्न करने का षड्यंत्र है. यह जानते हुए भी कि रांची आदिवासी बहुल जिला है जो पांचवी अनुसूचित जिलों में आता है. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की नौकरशाही द्वारा जानबूझकर इसे अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया है ताकि आदिवासियों और दलितों को एक-दूसरे के खिलाफ लड़ाया जा सके.
उन्होंने कहा कि रांची शहरी क्षेत्र की लगभग 15 लाख 11हजार की आबादी में भी अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या अनुसूचित जाति समुदाय से अधिक है. तो किस आधार पर इसे अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है. राज्य निर्वाचन आयोग ने निर्धारित फॉर्मूला के तहत आरक्षण रोस्टर जारी किया है.
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