झरिया संशोधित मास्टर प्लान को स्वीकृति का इंतजार, इधर जिन्दा दफ़न हो रहे लोग


धनबाद(DHANBAD): इंतजार करते -करते झरिया की भूमिगत आग अब खतरनाख हो गई है. जमीन कीड़े -मकोड़े की तरह लोगो को निगल रही है. धनबाद के कुसुंडा के गोंदूडीह में तीन महिलाओं के जिंदा दफन के बाद झरिया पुनर्वास एवं विकास प्राधिकार सहित भारत कोकिंग कोल लिमिटेड पर निश्चित रूप से दबाव बढ़ गया है. वैसे कोलियरी इलाकों में पुनर्वास के काम में जितनी सफलता मिलनी चाहिए थी, नहीं मिली है. गोंदूडीह के धोबिकुल्हि की तीन महिलाएं जिंदा दफन हो गई थी. वह इलाका भू धसान को लेकर पहले से ही संवेदनशील है. यह अलग बात है कि घटनास्थल झरिया मास्टर प्लान के अधीन नहीं आता है बावजूद मामला पूरी तरह से पुनर्वास से जुड़ा है.
अगस्त "2021 झरिया मास्टर प्लान की मियाद खत्म हो गई
अगस्त "2021 के बाद जब पूर्व के झरिया मास्टर प्लान की मियाद खत्म हो गई, तब से स्थिति थोड़ी खराब हुई है. अभी भी संशोधित मास्टर प्लान को स्वीकृति का इंतजार है. जिस तरह से कोयलांचल के संवेदनशील इलाकों में हादसे हो रहे हैं, वह गंभीर हो गए है. वैसे, झरिया पुनर्वास संशोधित मास्टर प्लान में जो रूपरेखा तैयार की गई है, उसके मुताबिक फर्स्ट फेज में 81 इलाकों के प्रभावित परिवारों का पुनर्वास करना है. 81 क्षेत्रों से लगभग 16000 परिवारों को दूसरी जगह शिफ्ट करना है. इनमें 650 बीसीसीएलकर्मी है और रैयतों की संख्या 1800 बताई गई है. गैर रैयतों की संख्या 12000 के आसपास है.
बुधवार को उपयुक्त ने लोकल अधिकारियों को दिए निर्देश
इधर, बुधवार को उपयुक्त की अध्यक्षता में झरिया पुनर्वास एवं विकास प्राधिकार की लीगल टाइटल होल्डर एवं नॉन लीगल टाइटल होल्डर के सत्यापन की स्थिति, सर्वे , जांच, आवंटन एवं स्थानांतरण, टाउनशिप एरिया के विकास, जमीन संबंधी समस्याएं, हाई रिस्क इलाके, आवंटन, पुनर्वास समेत कई बिंदुओं पर अब तक की प्रगति की समीक्षा की गई. उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए. जो भी हो, गोंदूडीह की घटना के बाद तो लग रहा था कि शिफ्टिंग का काम तेज कर दिया जाएगा लेकिन मामला किसी न किसी पेंच में फसता दिख रहा है. गोंदूडीह के विस्थापितों को भूली क्षेत्रीय अस्पताल परिसर में शिफ्ट करने का सैद्धांतिक सहमति हुई है, लेकिन काम अभी शुरू नहीं हुआ है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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