धनबाद सहित झारखंड के गिरोहों की जड़ में ATS,CID और POLICE, मट्ठा तो डाल रहे हैं लेकिन धनकुबेरो का डर कम नहीं रहा,पढ़िए यह रिपोर्ट


धनबाद(DHANABAD): समूचे झारखंड में 8 से 10 अपराधी गिरोह सक्रिय हैं,जो जेल में रहते हुए गैंग ऑपरेट कर रहे हैं. कुछ तो ऐसे हैं जो प्रदेश से बाहर रहकर घटनाएं करा रहे हैं. कुछ ऐसे भी हैं, जो देश से बाहर बैठकर रंगदारी का उद्योग चला रहे हैं. अभी झारखंड पुलिस ने अमन श्रीवास्तव को पकड़कर एक उपलब्धि हासिल की है. पीएलएफआई सुप्रीमो को भी एटीएस ने धर दबोचा है. झारखंड में अभी एटीएस, सीआईडी और जिला पुलिस मिलकर काम कर रहे है. कई आईपीएस अधिकारियों के के नेतृत्व में एटीएस को सक्रिय किया गया है. इसका लाभ भी दिख रहा है. लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर इन अपराधियों के पास ऐसा कौन सा तंत्र है ,जिससे अपने अपने इलाके के धनकुबेर की सूची उपलब्ध होती है.
निश्चित रूप से सरकारी विभागों की तरह इनके पास अपने गुप्तचर नहीं रहते होंगे, तो जाहिर है कि लोकल लड़कों को इसमें आगे कर सूचना एकत्रित करते होंगे. फोन का नंबर जुगाड़ करते होंगे. और उसके बाद फिर उन्हीं का इस्तेमाल कर धमकी दिलाते होंगे. रंगदारी नहीं देने पर उन्हीं लड़कों को आगे कर फायरिंग और बम बाजी करवाते होंगे. मतलब लड़कों को लालच देकर अपराध की दुनिया में धकेलते होंगे. पीएलएफआई सुप्रीमो के संबंध में पता चला है कि मोबाइल और बाइक की लालच देकर वह लड़कों को अपने गैंग में शामिल करता था और फिर हमला आदि कराता था .कुछ ऐसे ही अपराधी गिरोह झारखंड में काम कर रहे हैं. पुलिस जैसे-जैसे नकेल कस रही है, वैसे वैसे इनकी गतिविधियां भी बढ़ रही है.
वासेपुर का प्रिंस खान देश के बाहर बैठकर अपना गैंग चला रहा
धनबाद के वासेपुर का प्रिंस खान तो देश के बाहर बैठकर अपना गैंग चला रहा है. तोपचांची के दो होटल में हुई बाबाजी की घटना इसके प्रमाण है. जिन दो होटलों में बम बाजी कराई गई थी, उनमें एक से 50 लाख तो दूसरे से 30 लाख की रंगदारी मांगी गई थी. मतलब कमाए कोई और पूंजी लगाए कोई और और रंगदारी चाहिए इन रंगादारो को. बिना किसी धंधा व्यवसाय के रंगदार ऐश की जिंदगी जी रहे हैं. हालांकि यह भी जानते हैं कि किसी ना किसी दिन वह लोग भी पुलिस की पकड़ में आ जाएंगे. धनबाद पुलिस ऐसे लोगों को धनबाद जेल से अलग-अलग जेलों में शिफ्ट करा रही है .
बोकारो से अमन सिंह के गिरोह चला रहा गैंग
अभी बोकारो से अमन सिंह के कई लोगों को लाकर पूछताछ कर रही है. उनसे कई खुलासे भी हुए हैं. ऐसा लग रहा था कि अमन सिंह के गिरोह के पकड़ में आ जाने के बाद फायरिंग की घटनाएं रुक जाएंगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं. तोपचांची के दो होटलों में बम बाजी करा दी गई और इसकी जिम्मेवारी प्रिंस खान का गुर्गा कथित मेजर में पर्चा जारी कर लिया. सूत्र बताते हैं कि झारखंड में अखिलेश सिंह ,सुजीत सिन्हा, अमन साव,अमन सिंह ,अनिल शर्मा, अमन श्रीवास्तव सहित प्रिंस खान के गैंग सक्रिय हैं. इन गैंग की अपनी अलग अलग स्टाइल है. अलग-अलग इलाका है. अपने-अपने ढंग से अपराध करते हैं, हत्या करवाते हैं, रंगदारी वसूलते हैं.
पुलिस डाल-डाल है तो गैंग चलाने वाले पात पात
कोयलांचल की हालत तो कुछ अधिक ही खराब है. यहां पुलिस डाल-डाल है तो गैंग चलाने वाले पात पात चल रहे हैं. इनके पास पता नहीं कौन सा मंत्र है कि पढ़ने लिखने वाले लड़के भी अल्पकालीन सुविधा को देखकर इनके गैंग में शामिल हो जाते हैं. पहले तो उन पर न पुलिस को संदेह होता है और ना अगल-बगल के लोगों को. लेकिन यह पर्दे के पीछे रहकर काम करते हैं.धनबाद के बैंक मोड़ इनकाउंटर में भूली के एक ऐसे ही लड़के का खुलासा हुआ था. वह गया था पढ़ने के लिए लेकिन पढ़ाई छोड़ कर गैंग में शामिल हो गया था. कोयलांचल में बिहार और उत्तर प्रदेश का गैंग अधिक सक्रिय है. जब फायरिंग करानी होती है, किसी की हत्या करवानी होती है तो उत्तर प्रदेश अथवा बिहार के गैंग को बुलाकर घटना को अंजाम दिलवा दिया जाता है. गैंग के लोग फिर अपने स्थान पर या तो लौट जाते हैं या फिर कहीं छुप कर रहते हैं. हालांकि फिलहाल झारखंड और सीआईडी के साथ पुलिस पूरे प्रदेश में सक्रियता तेज कर दी है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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