धनबाद(DHANBAD): झारखंड के बीआरपी, सीआरपी महासंघ की मांगों को लेकर मंगलवार को वरीय कांग्रेस नेता सह झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह झारखंड के कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर से दिल्ली में भेंट की. उन्होंने महासंघ के पत्र और उनकी परेशानियों की जानकारी दी. महासंघ ने अपने पत्र में कहा है कि वह सभी बीआरपी, सीआरपी शिक्षा विभाग में 2005 से कार्यरत है. उनके ऊपर कई तरह के दायित्व हैं. विद्यालयों का नियमित अनुश्रवण, क्वालिटी युक्त शिक्षा, बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र बनाने ,बैंक में खाता खुलवाने सहित अन्य काम उनके जिम्मे दिए गए हैं. 2005 से जब-जब पर शिक्षकों का मानदेय बढ़ा ,उनका भी मानदेय बढ़ता रहा है .लेकिन उसके बाद से यह सब बंद हो गया है.
झारखंड के तत्कालीन शिक्षा मंत्री, अब स्वर्गीय जगरनाथ महतो के समय, जब पारा शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि हुई, उस समय बीआरपी, सीआरपी सेवा शर्त नियमावली बनाने के लिए उन्होंने एक कमेटी का गठन किया था .इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. लेकिन उनके निधन हो जाने के कारण मामला खटाई में पड़ गया. 2022 में प्रशिक्षित पारा शिक्षकों के मानदेय में 50% की बढ़ोतरी हुई. अ प्रशिक्षित पारा शिक्षकों का मानदेय 40% अधिक हुआ. जबकि पारा शिक्षकों का अनुश्रवण करने वाले बीआरपी, सीआरपी का मानदेय 6500 और 5500 ही मिल रहा है.
पत्र में कहा गया है कि इस संबंध में विधायक दीपिका पांडे सिंह, विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह एवं कांग्रेस के वरीय नेता अशोक कुमार सिंह के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात भी कर चुके हैं. लेकिन उन्होंने जो भरोसा दिया, उस पर कुछ भी नहीं हुआ. कांग्रेस के मंत्री आलमगीर आलम से भी उन लोगों ने मुलाकात की. आज अशोक कुमार सिंह ने उनके मुद्दों को गुलाम अहमद मीर के सामने उठाया और उनके साथ हो रहे अन्याय की चर्चा की. इस पर अब गुलाम अहमद मीर ने सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया और कहा कि इससे संबंधित वह जानकारी लेंगे. इधर, झारखंड में वैट को लेकर भी अशोक कुमार सिंह ने गुलाम अहमद मीर से बातचीत की. उन्होंने कहा कि झारखंड में वैट घटने से भी सरकार को राजस्व अधिक प्राप्त होंगे. इसके लिए झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन लगातार अधिकारियों से मिल रहा है, मंत्रियों को जानकारी दे रहा है. लेकिन कुछ हो नहीं रहा है. इस पर गुलाम अहमद मीर ने कहा कि उन्हें पूरे विवरण के साथ पत्र समर्पित किया जाए. निश्चित रूप से इस संबंध में वह सरकार से बात करेंगे.
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