धनबाद(DHANBAD):धनबाद कोयलांचल से सटे आसनसोल लोकसभा चुनाव अब दिलचस्प होगा. एक तरफ शत्रुघ्न सिन्हा होंगे तो दूसरी तरफ पूर्व केंद्रीय मंत्री एसएस अहलूवालिया मैदान में होंगे. अभी तक भाजपा की ओर से इस सीट पर उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई थी. भाजपा ने पहले भोजपुरी सिंगर पवन सिंह को आसनसोल से टिकट दिया था, लेकिन उन्होंने निजी कारणों से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था.उसके बाद भाजपा ने बुधवार को एसएस अहलूवालिया को टिकट देने की घोषणा कर दी.
अहलूवालिया फिलहाल बर्दवान दुर्गापुर सीट से भाजपा के सांसद हैं. वर्दवान दुर्गापुर सीट से भाजपा ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष को उम्मीदवार बनाया है. दिलीप घोष निवर्तमान लोकसभा में मेदिनीपुर का प्रतिनिधित्व कर रहे थे.अहलूवालिया फिलहाल वर्दवान दुर्गापुर लोकसभा सीट से सांसद है. लेकिन इस बार उन्हें आसनसोल से लड़ाया जा रहा है. भाजपा ने बंगाल के लगभग सभी सीटों पर उम्मीदवार की घोषणा कर दी थी लेकिन आसनसोल और डायमंड हार्बर पर उम्मीदवार की घोषणा नहीं हुई थी. आसनसोल से अहलूवालिया को उम्मीदवार बनाकर भाजपा ने चुनावी लड़ाई को रोचक बना दिया है. आसनसोल लोकसभा सीट पर तृणमूल के टिकट पर शत्रुघ्न सिन्हा अभी सांसद हैं. शत्रुघ्न सिन्हा को भाजपा ने जब टिकट नहीं दिया तो वह तृणमूल में आ गए और आसनसोल से उपचुनाव लड़ा, और विजई रहे. वैसे इस उपचुनाव में पहले पूर्व वित्त मंत्री और हजारीबाग से सांसद रहे यशवंत सिन्हा को लड़ाने की तृणमूल की योजना थी लेकिन जब उन्होंने इनकार कर दिया तब शत्रुघ्न सिन्हा को उपचुनाव लड़ाया गया. यह सीट बाबुल सुप्रियो के टीएमसी में चले जाने के बाद खाली हुई थी. उपचुनाव में शत्रुघ्न सिन्हा भारी मतों से विजई रहे थे. वैसे तृणमूल कांग्रेस आसनसोल और वर्दवान दुर्गापुर सीट पर बिहारियों पर भरोसा जताया हैं.
दोनों लोकसभा सीटों पर बिहार की भाषा बोलने वाले लोगों की संख्या अधिक है और तृणमूल कांग्रेस इसको इनकैश करने की कोशिश कर रही है. इधर आसनसोल से चुनाव लड़ने से इनकार करने वाले भोजपुरी स्टार पवन सिंह ने बिहार के काराकाट से चुनाव लड़ने की घोषणा की है. उनके सामने एनडीए के प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा होंगे. बहरहाल भाजपा ने आसनसोल से अहलूवालिया को टिकट देकर आसनसोल की लड़ाई को रोचक बना दिया है.आसनसोल लोकसभा सीट में कुल 7 विधानसभा क्षेत्र हैं. फिलहाल पांच पर तृणमूल कांग्रेस का कब्जा है. ऐसे में चुनावी लड़ाई दिलचस्प होने की पूरी संभावना है. जीत भले ही किसी की हो लेकिन आसनसोल सीट पर ममता बनर्जी की प्रतिष्ठा तो दांव पर है ही, भाजपा भी इस सीट को प्रतिष्ठा से जोड़ कर देख रही है. यह अलग बात है कि आसनसोल में तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ बिहारियों को गोलबंद करने की कोशिश शुरू कर दी गई है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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