रांची(RANCHI): पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधीन स्वर्ण रेखा प्रमंडल में करोड़ों रुपया का घोटाला हुआ था. इस संबंध में विभाग की ओर से एफ आई आर दर्ज कराया गया था जिसमें क्लर्क संतोष कुमार को अभियुक्त बनाया गया था. रांची पुलिस ने इस मामले में जांच की और बहुत मेहनत से आरोपी घोटालेबाज संतोष कुमार को गिरफ्तार किया उसके पास से पुलिस ने लगभग 51 लाख रुपया नगद बरामद किया है. उसके अकाउंट में लगभग 4 करोड रुपए जमा थे, पुलिस ने उसे फ्रीज करवा दिया था.
जानिए पुलिस ने क्या कहा इस बारे में
यह घोटाला पेयजलापूर्ति योजना से जुड़ा हुआ है. स्वर्णरेखा शीर्ष प्रमंडल के अधीन रांची और लोहरदगा में काम हुआ था.एलएनटी कंपनी ने यह काम किया था. इस कंपनी को भुगतान का पैसा क्लर्क संतोष कुमार ने उड़ा लिया था.
जानिए कैसे किया था करोड़ों का घोटाला
जानकारी के अनुसार एलएनटी कंपनी ने काम किया था उसे अलग-अलग काम के लिए अलग-अलग चेक निर्गत किया गया था जानकारी के अनुसार संतोष कुमार ने एलएनटी कंपनी से मिलती-जुलती आईडी बनाकर बैंक खातों के माध्यम से उसमें चेक जमा किया था.इसका खुलासा तब हुआ जब एलएनटी कंपनी के अधिकारियों ने विभाग से संपर्क कर पैसे की मांग की. पता चला कि भुगतान तो हो गया है लेकिन पैसा कंपनी के खाते में नहीं जाकर किसी फर्जी खाते में जमा कराया गया.
विभाग ने इस घोटाले के लिए प्राथमिकी दर्ज कराया था
जब इस घोटाले का खुलासा हुआ तो विभाग के अंदर हड़कंप मच गया.आनन-फानन में इसकी आंतरिक जांच शुरू हुई. जिला कोषागार कार्यालय से कैश बुक के सत्यापन से पता चला कि इस तरह का घोटाला हुआ है. स्वर्णरेखा शीर्ष कार्य प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने रांची के सदर थाना में संतोष कुमार के खिलाफ प्राथमिक की दर्ज कराया था. इसी आधार पर पुलिस ने एसआईटी गठित कर जांच शुरू की.
क्या कहा एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने
रांची के वरीय पुलिस अधीक्षक यानी एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि घोटाला करने के बाद जब इसका पर्दाफाश होने लगा तब संतोष कुमार फरार हो गया. संतोष कुमार बिहार के नालंदा का रहने वाला बताया गया है. उसे पकड़ने के लिए तीन टीम लगाई गई थी. पुलिस अधिकारी के अनुसार यह गुप्त सूचना मिली थी कि संतोष कुमार रांची आया हुआ है. इसी सूचना के आधार पर छापेमारी कर उसे गिरफ्तार किया गया इस मामले में जांच जारी है. वरीय पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा के अनुसार यह घोटाला लगभग 20 करोड रुपए का है. इस मामले में विभाग के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है.
हम आपको बता दें कि TheNewspost.in ने इस घोटाले की खबर को पिछले जनवरी के प्रथम सप्ताह में प्रकाशित किया था.
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