रघुवर सरकार में FIR की अनुमति मांगी, मिली हेमंत सरकार में, जानिए क्या है पूरा मामला


धनबाद(DHANBAD): झारखंड सरकार को 8 साल लग गए एंटी करप्शन ब्यूरो(ए सी बी ) को एफआईआर की अनुमति देने में. जी हां, यही हुआ है धनबाद के बीसीसीएल और ISM जमीन मुआवजा घोटाले में. 2014 में ही एसीबी ने प्रारंभिक रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी थी और मुक़दमा करने की अनुमति मांगी थी. लेकिन अब जाकर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश मिला है. अनुमति मिलने के बाद शुक्रवार को एसीबी ने धनबाद थाने में मामला दर्ज कराया है. बीसीसीएल तथा ISM के विस्तारीकरण के लिए अधिगृहीत जमीन के 12 करोड़ रुपए के अधिक के मुआवजा घोटाले में शुक्रवार को 126 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.
ISM और BCCL को विस्तार देने के लिए अधिग्रहित की गई थी जमीन
ISM के लिए धैया मौजा की 3.02 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था. बीसीसीएल के लिए झरिया अंचल के गोलकडीह में 6.56 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था. ISM की जमीन के लिए 9.97 करोड़ तथा बीसीसीएल के लिए 2.15 करोड़ का भुगतान किया गया था. दोनों मामलों में फर्जी लोगों को राशि का भुगतान का आरोप लगाया गया था. भाजपा नेता रमेश कुमार राही ने मामले की शिकायत की थी. जांच की जिम्मेवारी एसीबी को दी गई थी. एसीबी ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को 2014 में ही सौंप दी.
कौन-कौन लोग हैं प्रमुख आरोपी
गोलकडीह मामले में प्रमुख आरोपी -लालमोहन नायक (अब स्वर्गीय) तत्कालीन डीएलईओ, विजय कुमार सिंह तत्कालीन कानूनगो, साधुशरण पाठक तत्कालीन अमीन, श्यामापद मंडल तत्कालीन अमीन, बादलचंद्र मंडल तत्कालीन अमीन, रामशंकर प्रसाद कार्यालय सहायक, मो जिलानी तत्कालीन नाजिर, राजकुमार प्रसाद तत्कालीन कार्यपालक अभियंता, अरुण कुमार सहायक अभियंता, रणविजय सिंह कनीय अभियंता तथा रमेश कुमार महतो, अधिवक्ता सहित 116 आरोपी बने है. ISM मामले के प्रमुख आरोपी-उदयकांत पाठक तत्कालीन डीएलईओ, नारायण विज्ञान प्रभाकर तत्कालीन डीएलईओ, सुषमा प्रसाद, केदारनाथ वर्मा, मालती देवी, जितेंद्र कुमार, रवींद्रनाथ सिंह, तनुजा सिंह, अभिषेक कुमार, वीरेंद्र मिश्रा के नाम शामिल हैं.
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