दुमका (DUMKA): दुमका शहर के पोखरा चौक स्थित अमीषा नर्सिंग होम में एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. आपरेशन के सात दिन के बाद रोशो बीबी की बुधवार की शाम पश्चिम बंगाल के सिउड़ी अस्पताल में मौत हो गई. गुरुवार की शाम पोस्टमार्टम के बाद महिला के शव को अमीषा नर्सिंग में रखकर लोगों ने हंगामा किया. परिजनों ने चिकित्सक पर आपरेशन में लापरवाही का आरोप लगाया लगाया है. ग्रामीणों ने चिकित्सक व अस्पताल प्रबंधन से मुआवजा के रूप में दस लाख रुपए की मांग की है. समाचार लिखे जाने तक नगर और मुफस्सिल थाना की पुलिस समझौता कराने का प्रयास कर रही थी.
क्या है पूरा मामला
दुमका के दुधानी आश्रम रोड की रोशो को 17 जून को प्रसव पीड़ा की वजह से पहले फूलो झानो मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहाँ से चिकित्सक ने उसे रेफर कर दिया. एक सहिया ने महिला को इलाज के लिए अमीषा नर्सिंग होम में भर्ती कराया. अगले दिन नर्सिंग होम में चिकित्सक ने आपरेशन किया. महिला ने पुत्री को जन्म दिया. दो दिन तक अस्पताल में रखने के बाद महिला की हालत बिगड़ने लगी. 21 जून को तबियत बिगड़ता देख नर्सिंग होम के प्रबंधक ने महिला को देवघर भेज दिया. गंभीर स्थिति देख वहां पर भी डाक्टर ने दूसरी जगह रेफर कर दिया. इस तरह से महिला का पति मोहम्मद आजिम पत्नी को लेकर कई जिलों में भटकता रहा. हारकर 25 जून को सिउड़ी सदर अस्पताल में भर्ती कराया. अगले दिन शाम चार बजे महिला की मौत हो गई. पोस्टमार्टम के बाद गुरुवार की शाम को शव लेकर दुमका पहुचे. अमीषा नर्सिंग होम में शव रखकर परिजनों ने हंगामा किया. पति का कहना था कि आपरेशन के दौरान चिकित्सक की लापरवाही की वजह से पत्नी के पेट के अंदर की नस कट गई. इस कारण मुंह और कान से खून आने लगा. चिकित्सक ने उसकी पत्नी की जान ली है. हंगामा की सूचना मिलने पर नगर और मुफस्सिल थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों से बात की. परिजनों का कहना है कि वे कोई केस नहीं चाहते हैं, अस्पताल प्रबंधन काे मुआवजा के लिए दस लाख रुपया देना होगा. मुआवजा मिलने के बाद ही शव हटाया जाएगा.
किडनी के पास की नस कटने से हुई मौत
सिउड़ी में शव का पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक ने परिजन को एक पर्चा दिया है, जिसमें कहा है कि महिला के किडनी के पास की एक नस कट गई, जिस कारण अधिक रक्तस्राव होने से उसकी मौत हो गई.
6 महीने पहले भी अमीषा नर्सिंग होम पर लगा था लापरवाही का आरोप
बता दें कि छह महीने पहले भी अमीषा नर्सिंग होम में आपरेशन के बाद एक महिला की मौत हो गई थी. तब लोगों ने जमकर हंगामा मचाया था. नगर थाना में चिकित्सक के खिलाफ मामला दर्ज हुआ, लेकिन बाद में मुआवजा देने के बाद मामला शांत हो गया था. फिर एक महिला की मौत ने नर्सिंग होम के चिकित्सक की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा दिया है.
दुमका की स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी उठ रहे सवाल
सवाल दुमका की स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी उठने लगा है. दुमका को उपराजधानी का दर्जा है और यहां फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल है. इसके बाबजूद अधिकांश मामलों में मरीज को बाहर रेफर कर दिया जाता है. शहर से लेकर गांव तक गली मुहल्ला में नर्सिंग होम खुल गया है. ऐसे नर्सिंग होम नॉर्म्स का कितना पालन करता है यह तो जांच का विषय है, लेकिन मेडिकल कॉलेज से रेफर होते ही ऐसे नर्सिंग होम के एजेंट मरीज के परिजन को समझा बुझा कर निजी नर्सिंग होम में भर्ती करवा देते है.
रिपोर्ट. पंजम झा
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