टीएनपी डेस्क (TNP DESK): लोकसभा चुनाव के परिणाम के तुरंत बाद ही हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने सोशल मीडिया आकॉउन्ट पर एक पोस्ट किया और उसके बाद झारखंड की राजनीति में फिर सरगर्मी तेज हो गई , कल्पना सोरेन की पोस्ट में दशकों से आदिवासी समुदाय के अधिकारियों के लिए लड़ने वाले फादर स्टेन के उच्च आयु और प्रकीसन्स रोग के बावजूद उन्हे भाजपा सरकार द्वारा लगाए गए झूठे आतंकवाद के आरोपों पर जमानत और पूरे तरीके से इलाज नहीं दिया गया था, उन्होंने यह तक लिखा की पानी पीने के लिए उन्हे 25 पैसे का स्ट्रो भी नहीं दिया गया था . उन्होंने आगे अपने पोस्ट मे लिखा था की फादर स्टेन की तरह ही झारखंड के जेल मे पूर्व मुख्यमंत्री हेमनत सोरेन को भी प्रताड़ित किया जा रहा है, और झारखंड की जनता को इसके लिए सजग होना , हम झारखंडी झारखंड को मणिपुर नहीं बनने देंगे .
सोशल मीडिया पर ही हो रहा जुबानी जंग
कल्पना सोरेन के पोस्ट के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मारांडी ने अपने x हैंडल पर इसका जवाब दिया और लिखा की अगर आपके साथ जेल मे किसी भी तरह का कोई दुर्व्यवहार किया जा रहा है तो आप अपने बैरक मे सीसीटीवी लगवा सकते है ,और मै आपको यकीन दिलाता हूँ की इसमे मैं आपके साथ खड़ा रहूँगा. इसके साथ ही वर्तमान मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को जेल मैनुल के अनुसार सभी सुविधाए देने के लिए मजबूर कर दूंगा .
नेता प्रतिपक्ष ने भी दिया जवाब
नेता परतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने सीधा चंपई सोरेन पर निशाना साधा है . अमर कुमार बाउरी ने अपने x हैंडेल से एक पोस्ट के जरिए झारखंड की राजनीति मे कुछ बाते कही उन्होंने साफ तौर से कहा है की जेल से सरकार नियंत्रित हो रहा है . होटवार जेल मे बंद हेमंत सोरेन को कैसे कोई खतरा हो सकता है.जबकि राज्य मे इनकी खुद की सरकार है कारा और गृह विभाग इनके पास है, फिर हेमंत सोरेन को किससे खतरा .
एक्स हैंडेल पर चंपई सोरेन से मांगा इस्तीफा
अमर कुमार बाउरी ने अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा की “ठग विद्या और भ्रम फैलाने में पारंगत झामुमो - कांग्रेस - राजद सरकार का नया एजेंडा सुनिए : "हेमंत सोरेन अपनी ही सरकार के जेल के अंदर खतरे में है" ऐसे कैसे हो सकता है जब हर हफ्ते मुख्यमंत्री जि खुद जेल मे जाकर हाजरी लगाते है . आगे उन्होंने लिखा है की जेल को राज्य सरकार चलाती है या नहीं ? गृह एवं कारा विभाग का प्रभार तो स्वयं मुख्यमंत्री जी के पास है ! फिर भी खतरा ?बात स्पष्ट है : अगर सरकार में रहकर ख़ुद के नेता के जान को ख़तरा है तो मुख्यमंत्री जी अपने पद से इस्तीफा दें और अगर यह कोई एजेंडा है तो झामुमो-कांग्रेस-राजद भ्रम फैलाने के लिए राज्य की जनता से माफी मांगे, चुनाव के पश्चात भाजपा सरकार में हेमंत सोरेन जी सुरक्षित रहेंगे.
रिपोर्ट. प्रेरणा चोरसिया