रांची: झारखंड के सत्तारुढ़ पार्टी के विधायक हैदराबाद पहुंच गए हैं. सभी विधायक रांची के सर्किट हाउस से स्पेशल बस से बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचे और वहां से विशेष विमान से हैदाराबाद के लिए रवाना हुए. सत्तारुढ़ पार्टी ने खरीद-फरोख्त से बचने के लिए सभी विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट किया. इस मामले पर बीजेपी सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि बड़े दुर्भाग्य है जिसकी सरकार है, उसके विधायक भागे फिर रहे हैं. जिसका मुख्यमंत्री हो, उसके विधायक इधर उधर घूम रहे हैं. इससे साफ है कि न तो पार्टी में और न ही परिवार में सब कुछ है. लेकिन ये पहला मामला है कि अपनी ही सरकार में विधायक दूसरे प्रदेश में जा रहे हैं.
कानून का सहयोग करें हेमंत सोरेन
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि कानून अपना काम कर रहा है. सभी को कानून का सहयोग करना चाहिए. पिछले चार साल से उनके खिलाफ आरोपों का सिलसिला चल रहा है, क्योंकि झारखंड में घोटालों से भरी सरकार थी.
चंपई सोरेन बने झारखंड के नए मुख्यमंत्री
हेेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद झारखंड के नये मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को बना गया है. चंपई सोरेन ने शुक्रवार को नए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. इसके अलावा, कांग्रेस कोटे से आलमगीर आलम और राजद कोटे से सत्यानंद भोक्ता ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली है. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने सभी को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई है. नई सरकार को 10 दिन में बहुमत साबित करना होगा.
फ्लोर टेस्ट तक कोई रिस्क नहीं लेगी नई सरकार
सत्तारूढ़ गठबंधन के सभी विधायक सर्किट हाउस रूके थे. मुख्यमंत्री की शपथ के बाद सभी विधायकों को सर्किट हाउस से एयरपोर्ट ले जाया गया. वहां पहले से ही बसें खड़ी थीं. ये विधायक चार्टर्ड प्लेन से हैदराबाद पहुंचेंगे. वहां फ्लोर टेस्ट तक रुकने का प्लान है. जेएमएम गठबंधन को आशंका है कि बीजेपी इन विधायकों को अपने पाले में करने की कोशिश कर सकती है. यही वजह है कि फ्लोर टेस्ट तक नई सरकार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है.
विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन का क्या है गणित?
झारखंड विधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या 81 है, जिसमें से एक सीट रिक्त है. गांडेय विधानसभा सीट से जेएमएम के विधायक ने इस्तीफा दे दिया था. यानी कुल 80 में से 48 विधायक इंडिया ब्लॉक के हैं. जेएमएम से 29, कांग्रेस से 17 विधायक हैं. आरजेडी-सीपीएम के पास एक-एक सीटें हैं. लेकिन चंपई सोरेन ने राज्यपाल को विधायकों के समर्थन का जो पत्र सौंपा है, उस पर 43 विधायकों के ही हस्ताक्षर हैं. विपक्ष की बात करें तो बीजेपी, जेएमएम से ज्यादा पीछे नहीं है. बीजेपी 26 विधायकों के साथ विधानसभा में दूसरी बड़ी पार्टी है. आजसू के तीन, एनसीपी (अजित पवार गुट) के एक और दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी बीजेपी के साथ है. सत्तारूढ़ गठबंधन को 47 विधायकों का समर्थन है, ऐसे में बहुमत की कोई समस्या नहीं है.
रिपोर्ट : संजीव ठाकुर
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