रांची (RANCHI) : 'संजीव लाल' नाम तो अपने सुना ही होगा. फिर भी हम याद दिला देते हैं कि झारखंड सरकार में कांग्रेस कोटे से मंत्री आलमगीर आलम के सरकारी आप्त सचिव थे. संजीव लाल झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं. उन्हें प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. संजीव लाल और उनके नौकर जहांगीर आलम के आवास से 32 करोड़ 20 लाख रुपए कैश बरामद किए गए थे. मनी लांड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया है. बाद में मंत्री आलमगीर आलम को भी गिरफ्तार किया गया.
जेल में बंद संजीव लाल आखिर कोर्ट से क्या चाहते हैं, जानिए ताजा जानकारी
हेमंत सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री के पद पर आलमगीर आलम थे संजीव लाल उनके सरकारी आपकी सचिव थे. प्रवर्तन निदेशालय को गुप्त सूचना मिली थी कि ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर आवंटर में भारी कमीशन लिया जाता है, इसको लेकर निदेशालय ने अपना जांच तंत्र और तेज कर दिया पता चला कि रांची शहर के थड़पखना के पास एक अपार्टमेंट में फ्लैट के अंदर टेंडर कमीशन के कैश रखे जाते हैं. केंद्रीय एजेंसी ईडी ने छापेमारी की. 32 करोड़ 20 लाख रुपए कैश बराबर किए गए. इस मामले में पहले जहांगीर आलम को गिरफ्तार किया गया. उसके बाद संजीव लाल को गिरफ्तार किया गया. संजीव लाल जमानत चाहते हैं. पीएमएलए विशेष कोर्ट में उनकी जमानत याचिका पर 7 सितंबर को सुनवाई होगी. ईडी की ओर से सोमवार को टाइम पिटीशन दाखिल किया गया. प्रवर्तन निदेशालय ने जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है. सूत्रों के अनुसार इस मामले में 3000 करोड़ की प्रोसीड ऑफ क्राइम की जांच ईडी कर रही है. मालूम हो कि इस मामले में आलमगीर आलम भी जेल में बंद हैं. उससे पूर्व ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम को ईडी ने गिरफ्तार किया था.
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