रांची(RANCHI):झारखंड में युवाओं का आक्रोश जारी है. नियोजन नीति हो या JPSC सभी मुद्दों को लेकर युवा सड़क पर है. युवाओं को अब आजसू ने भी अपना समर्थन दिया है. आजसू सरकार को आइना दिखाने के लिए 12 जनवरी को युवा आक्रोश मार्च निकालने की तैयारी में है. देव् शरण महतो ने कहा कि विवेकानंद जी के आदर्श को अपना कर आजसू युवा आक्रोश मार्च निकालने का निर्णय लिया है. सरकार ने जो वादा किया था उस वादों को अब सड़क पर उतर कर उन्हें याद दिलाने का काम करेगी. सरकार खुद तीन वर्षों में अपनी पीठ थप थपा रही है. झारखंड सरकार ने तीन वर्षों में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का काम किया है. राज्य के बच्चे अब पढ़ना लिखना भूल गए हैं. यहां के स्कूल में बच्चे है लेकिन शिक्षक नहीं.
छात्र संघ प्रदेश अध्यक्ष गौतम कुमार ने कहा कि पार्टी ने 2023 को संघर्ष वर्ष घोषित किया है.हेमन्त सरकार ने युवाओं को धोखा दिया है. आरक्षण को हेमन्त सरकार ने मज़ाक किया है. सभी युवा राज्य में ठगा महसूस कर रहे हैं. यहां के खिलाड़ी सड़क पर चाय बेचने को मजबूर हैं. सरकार सभी नीति की गेंद को दूसरे की झोली में डालने की कोशिश कर रहे हैं,सरकार के खिलाफ युवा जन आक्रोश मार्च निकलेगी. यह मार्च विधानसभा से बापू वाटिका तक जाएगा जिसमें युवाओं के सभी मुद्दों के खिलाफ मार्च किया जाएगा.
प्रवक्ता विनय भरत ने कहा कि आज जब अखबार देखते है तो युवओं के दुर्दशा के बारे में हेडलाइन मिलती है. झारखंड में JPSC बदहाल है jpsc ने अपना कैलेंडर को रद्द कर दिया गया. आज युवा सड़क पर कर्जा मांग कर पढ़ाई कर रहे हैं. झारखंड के सभी ग्रामीण इलाकों के गरीब परिवार के बच्चे रांची में किसी परीक्षा को लेकर तैयारियां करते हैं. लेकिन इन सब के बीच कभी परीक्षा रद्द हो जाती है तो कभी इंटरव्यू झारखंड के युवाओं के साथ अन्याय हो रहा है. छात्र के पास मजबूरी है कि आखिर पढ़े तो पढ़े क्या अब छात्रों ने निर्णय लिया कि सरकार का घोषणा पत्र पढ़ते हैं तब उसमें दिखता है कि पांच लाख रोजगार बेरोजगारी भत्ता और कई वादे दिखे. लेकिन सरकार ने ना तो रोजगार दिया और ना ही बेरोजगारी भत्ता. अब युवा दिवस के दिन संवैधानिक तरीके से युवा सड़क पर दिखेगा.
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