धनबाद(DHANBAD): वंदे भारत ट्रेन के बीच देश में पुल पुश ट्रेन की भी खूब चर्चा है. इस ट्रेन के आगे और पीछे दो इंजन लगेंगे. इसे एक ड्राइवर और उसके सहायक ही चलेंगे. पुल पुश तकनीक में तेज पिकअप और तेज गति से रोकने से ट्रेन की औसत रफ्तार 10 से 15% बढ़ जाएगी. इसकी अधिकतम रफ़्तार राजधानी, शताब्दी एक्सप्रेस की तरह 130 किलोमीटर प्रति घंटा होगी . कई रेलमार्गों पर यह ट्रेन राजधानी एक्सप्रेस से कम समय में पहुंचेगी. इस ट्रेन का इंजन धनबाद से सटे चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स में तैयार किया गया है. चितरंजन वैसे तो पश्चिम बंगाल में आता है लेकिन धनबाद के ठीक बॉर्डर पर यह स्थित है.
नन ए सी पुल पुश ट्रेन दिल्ली से मुंबई और पटना के बीच चल सकती है
सूचना के अनुसार केंद्र सरकार नवंबर के पहले सप्ताह से देश में पहली नन ए सी पुल पुश ट्रेन दिल्ली से मुंबई और पटना के बीच चला सकती है. इसके अलावा दक्षिण भारत में दिल्ली चेन्नई, हैदराबाद के बीच भी यह ट्रेन चल सकती है. 22 कोच वाली ट्रेन में सिर्फ स्लीपर, जनरल कोच होंगे और किराया सामान्य का होगा. इसकी रफ्तार राजधानी शताब्दी की तरह 130 किलोमीटर प्रति घंटा होगी और सुविधाएं भी बेहतर करने की कोशिश की जा रही है. हालांकि इस ट्रेन का अंतिम फैसला प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा लिया जाएगा. इसलिए रेल अधिकारी ट्रेनों के चलने के समय और शहरों के नाम को लेकर फिलहाल चुप हैं.
जानिए इस ट्रेन में क्या कुछ होगा खास
इन ट्रेनों के कोच को चेन्नई में तैयार किया जा रहा है .जबकि इंजन चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स में बने हैं. ट्रेन के दो कोच विशेष रूप से दिव्यांगों के अनुसार डिजाइन किए गए हैं. यह कोच सिर्फ दिव्यांगों के लिए आरक्षित रहेंगे. व्हीलचेयर आने जाने के लिए चौड़े दरवाजे और चौड़े गलियारे होंगे. बर्थ पर चढ़ने के लिए सीढ़ियां होगी. कोच में ब्रेल लिपि होगी. यह ट्रेन दूसरे राज्यों में जाने वाले श्रमिकों, कामगारों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है. अभी वंदे भारत ट्रेन के शोर के बीच पुल पुश ट्रेन की चर्चा भी तेज हो गई है. प्रधानमंत्री कार्यालय से हरी झंडी मिलते ही हो सकता है कि अगले महीने यह ट्रेन रेल लाइनों पर दौड़ने लगे.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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