दुमका (DUMKA): दुमका को झारखंड की उपराजधानी का दर्जा प्राप्त है. इसके बाबजूद न केवल दुमका बल्कि संताल परगना प्रमंडल स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में पिछड़ा माना जाता है. स्वास्थ्य सेवा में सुधार को लेकर दुमका में फूलो झानो मेडिकल कॉलेज जबकि देवघर में एम्स की स्थापना की गई. मकसद बस एक ही था कि प्रमंडल के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले. इसके बाबजूद दुमका में शहर से लेकर गांव तक गली मोहल्ले में निजी नर्सिंग होम खुल गया. दलाल के चंगुल में फंस कर यहां की भोली भाली जनता ऐसे नर्सिंग होम में भर्ती कराते हैं. जहां इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती है. जब मरीज की तबियत बिगड़ने लगती है तो उसे फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचा दिया जाता है. मरीज की मौत होने पर डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर खूब हो हंगामा होता है. इस वजह से समय समय पर विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होती है.
अमीषा नर्सिंग होम मामले पर स्वास्थ्य महकमा रेस
17 सितंबर को शहर के बागानपाडा में संचालित अमीषा नर्सिंग होम एक बर्ष के अंदर तीसरी बार सुर्खियों में आया. दरअसल जामा थाना क्षेत्र के रहने वाली लीलमुनि मरांडी प्रसव वेदना से तड़पती अपनी बेटी को लेकर फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुचीं थी. दलाल के चंगुल में पड़कर पीजेएमसीएच से अमीषा नर्सिंग होम पहुचीं, जहां इलाज के दौरान तबीयत बिगड़ने पर नर्सिंग होम संचालक द्वारा पीजेएमसीएच पहुंचा दिया गया. इस दौरान महिला और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गयी. परिजनों ने डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए थाना में लिखित शिकायत की. पूरे मामले की जांच के लिए सिविल सर्जन को आवेदन देकर अनुरोध किया. इसके पूर्व भी 2 बार अमीषा नर्सिंग होम में प्रसूता की मौत पर परिजनों ने जमकर हंगामा किया था.
अमीषा नर्सिंग होम को सील करने के साथ संचालक पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्णय
बार बार एक ही नर्सिंग होम में इस तरह की घटना घटित होने के बाद स्वास्थ्य विभाग भी हरकत में आ गयी. सिविल सर्जन डॉ बीपी सिंह और जिला मलेरिया पदाधिकारी अमीषा नर्सिंग होम पहुच कर जांच की. जांच में कई खामियां उजागर हुई. जांच के आधार पर सिविल सर्जन ने नर्सिंग होम को सील करने के साथ साथ संचालक पर अर्थ दंड के साथ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्णय लिया है. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने इसकी जानकारी दी.
एसडीओ ने स्वास्थ्य विभाग से मंगवाई निबंधित नर्सिंग होम की सूची
इधर होटल के बाद जिला प्रशासन की नजर अब गली मोहल्ले में संचालित नर्सिंग होम पर है. लगातार दो रात होटल में छापेमारी के दौरान कई राज बेनकाब हुए. अब स्वास्थ्य सेवा में सुधार की बारी है. इस बाबत एसडीओ कौशल कुमार द्वारा स्वास्थ्य विभाग से जिले में संचालित निबंधित नर्सिंग होम की सूची एवं निबंधन हेतु लिए गए आवश्यक दस्तावेज की सूची के साथ साथ जिला में स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब तक की गयी निजी नर्सिंग होम की जांच से संबंधित प्रतिवेदन की मांग की गई थी. सूत्रों की मानें तो स्वास्थ्य विभाग द्वारा एसडीओ कार्यालय को सूची उपलब्ध करा दी गयी है.
नर्सिंग होम का होगा औचक निरीक्षण, खामी पाए जाने पर होगी कार्रवाई
इस बाबत एसडीओ कौशल कुमार ने कहा कि निजी नर्सिंग होम में मरीज की मौत के बाद इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर परिजन द्वारा हंगामा करने से बार बार विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होती है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा अमीषा नर्सिंग होम की जांच में कई खामियां उजागर हुई है. उसे देखते हुए अन्य नर्सिंग होम भी संदेह के घेरे में है. भविष्य में विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न न हो इसके मद्देनजर अभियान चलाकर नर्सिंग होम का औचक निरीक्षण किया जाएगा. खामी पाए जाने पर नर्सिंग होम संचालक के खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि किसी की जान के साथ खिलवाड़ करने का अधिकार किसी को नहीं है.
रिपार्ट-पंचम झा
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