''आप सभी को हेमंत सोरेन जी और कल्पना का जौहार ...आज के दिन बहुत ही भारी मन के साथ आपके सामने खड़ी हूं . मैने सोचा था कि आंसुओं को रोक लूंगी, लेकिन आप लोगों का प्यार देखकर मुझे वह ताकत मिल रही है, जो मैने कभी सपने में नहीं सोचा था "
गिरिडीह में जेएमएम के स्थापना दिवस कार्यक्रम के दिन पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की वाइफ कल्पना ने ये बाते कहीं और फूट-फूटकर रोने भी लगी . उनके भीगे आंखों में एक गुस्सा और तेवर भी दिख रहा था. जो अपने विरोधियों को ललकार रही थी कि झारखंड झुकेगा नहीं . इसी दिन कल्पना ने अपनी सियासी पारी का भी आगाज किया और जेल में बंद अपने पति हेमंत सोरेन की गैरमोजूदगी में एक बड़ा सहारा पार्टी को दिया .
जेएमएम को कल्पना का सहारा
सोरेन परिवार अभी मुश्किलों के दौर से गुजर रहे है. इस वक्त में कल्पना का सियासत में आकर संभालना झामुमो के लिए बेहद ही सुकून वाला है, क्योंकि अभी लोकसभा चुनाव भी आने वाला है. ऐसे समय में कल्पना ने पार्टी मे एक जान तो फूंक ही दी है. उनका दौरा गिरिडीह, साहेबगंज में भी देखने को मिल रहा है. कल्पना का सियासत में अचानक आना सभी को चौका दिया. दरअसल, उनके आने की सुगबुगाहट बहुत पहले से ही हो रही थी, लेकिन, एक मुक्कमल अंदेशा इस साल की पहली तारीख को देखने को मिली. जब गांडेय विधानसभा सीट से जेएमएम विधायक सरफराज अहमद ने इस्तीफा दे दिया. उस दरम्यान चर्चा ये तेज थी कि हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद कल्पना मुख्यमंत्री बनेंगी और गांडेय सीट से उपचुनाव लड़ेगी. हालांकि, कुछ तकनीकी वजहों से ऐसा दिखाई नहीं पड़ा. चंपाई सोरेन को झारखंड का सीएम बनाया गया.
सवाल है कि पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन का क्या बेकग्रउंड रहा है और अचानक कैसे सियासी पारी के आगाज से ही सुर्खियों में छाई गई. चलिए उनके बारे में कुछ जान लेते हैं .
कल्पना सोरेन का बैकग्राउंड
कल्पना सोरेन का जन्म रांची में ही 1976 में हुआ. उनके पिता एक कारोारी और माता हाउस वाइफ हैं . जिनकी कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं रही है. ओड़िशा के मयूरभंज जिले से ताल्लुक रखने वाली कल्पना ने अपनी शुरुआती शिक्षा बारीपदा के केन्द्रीय विद्यालय से पूरी किया . इसके बाद भुवनेश्वर के एक कॉलेज से बी-टेक की डिग्री हासिल की. बाद में मास्टर डिग्री बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में किया .
कब हुई हेमंत सोरेन से शादी
7 फरवरी 2006 को हेमंत सोरेन से शादी होने के बाद कल्पना सोरेन ने कभी राजनीति में अपना कदम नहीं रखा . उनकी पहचान झारखंड में एक व्यवसायी और समाज सेविका के रूप में रही . वह रांची में एक प्ले स्कूल चलाती हैं और एक निजी कंपनी की निदेशक भी हैं. वह जैविक खेती में भी रुची रखती हैं और महिलाओं और बालिकाओं के सशक्तिकरण कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेती हैं.
चुनाव लड़ने की चर्चा तेज
कल्पना सोरेन की चर्चा चुनाव लड़ने की भी है. जैसे संकेत उनकी ही पार्टी की लीडर और राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने बताया कि गांडेय विधानसभा से कल्पना चुनाव लड़ेगी. चर्चा तो ये भी है कि दुमका या फिर गिरिडीह से लोकसभा चुनाव भी लड़ सकती है. खैर आगे क्या होगा , ये तो वक्त की बात है. लेकिन, इतना तो तय है कि कल्पना सोरेन ने अपने पांव सियासत में रख दिए और इससे जेएमएम को फायदा ही हो रहा है. आगे देखना यही दिलचस्प है कि जेल में बंद हेमंत सोरेन की अनुपस्थिति में झारखंड मुक्ति मोर्चा किस तरह भाजपा को टक्कर देती है और कैसे इस मुश्किल वक्त से निकलती है.
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