धनबाद(DHANBAD): साइबर अपराध से कमाए पैसे को ठिकाने लगाने के लिए देवघर के बाद झारखंड में सबसे अधिक खाता धनबाद में खोले गए हैं. एक आंकड़े के मुताबिक देवघर में 2500 खाते खोले गए हैं तो धनबाद में 1183 बैंक खाते खोले गए हैं .वही रांची में 959 तो बोकारो में 716 खाते खोले गए है. गिरिडीह में 707 तो जमशेदपुर में 584 खातों के जरिए साइबर अपराधी ठगी का काम कर रहे हैं. वैसे कुल मिलाकर झारखंड में साइबर अपराधी 8674 से अधिक बैंक खातों में ठगी की राशि ट्रांसफर कर रहे हैं. साइबर अपराधियों के मनी ट्रेल की जांच में यह खुलासा हुआ है. यह जानकारी सामने आने के बाद सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच सभी खातों का डिटेल निकाल रही है. हालांकि इनमें से 2000 खातों को क्राइम ब्रांच ने फ्रिज करा दिया है.
सबसे अधिक खाता एसबीआई में खोले गए
आंकड़े के मुताबिक साइबर अपराधियों ने सबसे अधिक खाता एसबीआई में खोले हैं. इसके बाद इंडियन बैंक और फिर बैंक आफ इंडिया में खाते खोले गए हैं. सीआईडी क्राइम ब्रांच की ओर से सभी खातों की जांच की जा रही है. जांच के बाद सभी खाता धारकों पर कार्रवाई की जा सकती है. वैसे झारखंड में ऐसे कुल 8674 बैंक खातों को चिन्हित किया गया है .और इन्हीं खातों के जरिए साइबर अपराधी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. इन खातों में देशभर से ठगी के पैसे लगातार जमा हो रहे हैं और फिर उनका ट्रांजैक्शन दूसरे खातों में किया जा रहा है .
झारखंड में अभी देवघर साइबर अपराध के मामले में आगे
अभी हाल ही में जामताड़ा में साइबर पुलिस ने छापेमारी कर दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. उनके घरों से 10 लाख ₹40000 बरामद किए गए हैं. गिरिडीह पुलिस तो ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है और साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी की जा रही है. तमाम प्रयासों के बावजूद देवघर झारखंड में साइबर अपराध के मामले में आगे आगे चल रहा है. वैसे तो पूरे देश में जामताड़ा से निकले साइबर अपराधी फैल गए हैं और लगातार घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. तरह-तरह के तरीके ढूंढ रहे हैं. पुराने तरीकों को छोड़कर नए तरीकों से लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं. कुल मिला जुला कर कहा जाए तो साइबर अपराधी एक बहुत बड़ी समस्या बनते जा रहे हैं .
जानिए कैसे काम करते हैं साइबर अपराधी
सबसे आश्चर्य की बात है कि जिन खातों से ठगी के पैसे का ट्रांजैक्शन किया जा रहा है, वह सभी खाते किराए पर चल रहे हैं .साइबर अपराधी किसी व्यक्ति से आधार कार्ड और पहचान पत्र के साथ-साथ फर्जी फोन नंबर लेकर बैंक खाता खोल लेते हैं. बदले में उस व्यक्ति के लिए एक रकम तय करते हैं. जो खातेदारो को हर महीने प्राप्त होती है. लेकिन अब पुलिस ऐसे लोगों पर नकेल कसने की तैयारी कर रही है .एड्रेस का वेरिफिकेशन कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. कुछ पैसों के लालच में ऐसे लोग साइबर अपराधियों के चंगुल में फंस जा रहे हैं. नतीजा होता है कि बैंक खातों के कारण साइबर अपराधी पैसों का आसानी से ट्रांजैक्शन कर रहे हैं.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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