धनबाद(DHANBAD): क्या आप सोच सकते हैं कि दो कमरे के मकान में आठ परिवार रह सकता है. लेकिन धनबाद में आठ परिवारों ने दो कमरों के मकान में रहने का दावा किया है. दरअसल, पब्लिक स्कूलों में बीपीएल कोटे से नामांकन के लिए स्कूल में जमा किए गए आवेदन से इस मामले का खुलासा हुआ है. खुलासा कुछ इस प्रकार हुआ कि शुक्रवार को जिला शिक्षा अधीक्षक ने दिल्ली पब्लिक स्कूल, धनबाद को दिए गए आवेदनों की जांच शुरू की. जिसमें 12, 14 लोगों को तत्काल बुलाया गया और स्कूल में जमा किए गए आवेदनों की जांच शुरू कराई गई. जांच से अभिभावकों का फर्जीवाड़ा एक-एक कर सामने आने लगा.
अभिभावकों ने दिया फर्जी आवेदन
जानकारी के मुताबिक दिल्ली पब्लिक स्कूल के 200 मीटर के निकट ही दो कमरों के एक घर का पता 8 अभिभावकों के आवेदन में है. यह देखकर जांच करने वाले भी चौंक गए.अब ऐसा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तलवार लटक गई है. स्कूल में 25 से अधिक सीटों के लिए 60 से अधिक आवेदन जमा किए गए हैं. और उनकी जांच हुई तो इस तरह का मामला सामने आया है. हालांकि सूत्र बताते हैं कि इस तरह का फर्जीवाड़ा पहली बार पकड़ में नहीं आया है. इसके पहले भी इस तरह की गड़बड़ी सामने आई थी.
शिक्षा विभाग का कड़ा एक्शन
वहीं इस मामले के बाद अब शिक्षा विभाग ने इस तरह अन्य स्कूलों में जमा कराए गए आवेदनों की जांच का निर्णय लिया है. फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है. ताकि सभी बीपीएल कोटे के लोगों को नामांकन लाभ मिल सके. जानकारी निकलकर यह भी आ रही है कि कई अभिभावक अपने घर की दूरी कम बता कर आवेदन जमा किए है.
जन्म प्रमाण पत्र में भी किया जा रहा फर्जीवाड़ा
बीपीएल कोटे से नामांकन के लिए कई अभिभावकों की ओर से पिछले दो-तीन वर्षों में जन्म प्रमाण पत्र में भी फर्जीवाड़ा किया जाता रहा है.वर्ष 2021 में हुई जांच में 30 से अधिक फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मिले थे. जिसमें कई छात्रों का बीपीएल कार्ड भी गलत मिला था. वहीं कई अभिभावक तो बीपीएल कोटे से नामांकन नहीं होने पर अगले वर्ष बच्चे का नाम बदलकर जन्म प्रमाण पत्र बनवाकर आवेदन दे देते हैं.
अभिभावको में बीपीएल कोटे से बच्चों के नामांकन की लालच
दरअसल आय प्रमाण पत्र में भी गड़बड़ी की शिकायत सामने आ चुकी है.अभिभावक बड़े स्कूलों में बीपीएल कोटे से बच्चों के नामांकन की लालच में इस तरह का फर्जीवाड़ा कर रहे हैं. अब अगर बीपीएल कोटे से अब तक नामांकित बच्चों के मामलों की जांच शुरू हुई तो बहुत सारे बच्चों के भविष्य पर खतरा मंडरा सकता है.अब तो पूरे प्रदेश में इस तरह की जांच की मांग उठेगी.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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