चाईबासा में बड़ी संख्या में राशन कार्डधारियों ने दिया धरना, पूछा- ‘किसने खाया गरीबों का राशन’


चाईबासा(CHAIBASA): पश्चिमी सिंहभूम ज़िला के विभिन्न प्रखंडों से आए सैंकड़ों राशन कार्डधारियों ने राशन चोरी और प्रशासनिक उदासीनता के विरुद्ध चाईबासा पुराना उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरना दिया. धरना का आयोजन खाद्य सुरक्षा जन अधिकार मंच, पश्चिमी सिंहभूम द्वारा किया गया था. धरने में सदर, टोंटो, खूंटपानी, तांतनगर, चक्रधरपुर, सोनुआ, हाटगम्हरिया, कुमारडुंगी, मनोहरपुर समेत अन्य प्रखंडों से ग्रामीण पहुंचे थे. पूरा क्षेत्र उनके नारों से गूंज रहा था जैसे “कौन खाया गरीबों का राशन, डीलर या प्रशासन”, “राशन चोरों को जेल करो”, “गोदामों में सड़े अनाज, फिर भी बच्चे भूखे आज” आदि.
धरने में विभिन्न गावों से आए लोगों ने आक्रोश के साथ अपनी समस्या सुनाई. पिछले दो साल से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अंतर्गत कार्डधारियों को मिलने वाले अनाज में व्यापक कटौती की जा रही है. लेकिन ऑनलाइन में पूरी मात्रा चढ़ाई जाती है. कई महीने तो डीलर द्वारा राशन का वितरण ही नहीं किया गया है जबकि पंचिंग करवा लिया गया था. ग्रीन राशन कार्डधारकों को कई महीनों का राशन नहीं दिया गया है. अनेक कार्डधारियों को पंचिंग करवाने के बाद रसीद नहीं दिया जाता है. कई वंचित परिवारों का बिना सूचना राशन कार्ड डिलीट कर दिया गया है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का खुला उल्लंघन किया जा रहा है.
अनेक गावों के राशन कार्डधारियों ने राशन ना मिलने के विरुद्ध लगातार शिकायत दर्ज की. लोग कई बार ज़िला आपूर्ति पदाधिकारी और उपायुक्त से भी मिल के शिकायत किए. सुनवाई के लिए लंबी दूरी तय कर उन्हें कई बार ज़िला बुलाया गया. लेकिन आजतक अधिकांश गावों में लोगों को बकाया और कटौती किया गया राशन नहीं मिला है. चोरी के लिए दोषी एक भी राशन डीलर पर ना प्राथमिकी दर्ज हुई है और ना लाइसेंस रद्द हुआ है. अनियमतता के लिए ज़िम्मेवार पदाधिकारियों पर भी कार्रवाई नहीं हुई है.
शिकायतों की जांच करने के लिए विपणन पदाधिकारी को ही भेजा जाता है जो खुद इन गंभीर उल्लंघनों का हिस्सा हैं. कार्रवाई ना होने के कारण दोषी डीलरों द्वारा बिना किसी अंकुश के लगातार गड़बड़ी की जा रही है. भूख और व्यापक कुपोषण वाले इस ज़िले में राशन की चोरी और अनियमितताओं के प्रति प्रशासनिक उदासीनता दिख रही है. कई वक्ताओं ने कहा कि जो ग्रामीण इन उल्लंघनों के विरुद्ध सवाल उठाते हैं, उन्हें डीलर और स्थानीय प्रशासन द्वारा विभिन्न तरीके से परेशान किया जाता है.
आक्रोशित लोगों ने धरने के अंत में निष्क्रिय और असंवेदनशील पदाधिकारियों जैसे ज़िला आपूर्ति पदाधिकारी और मार्केटिंग ऑफिसर का पुतला दहन किया. कार्यक्रम का संचालन बनमाली बारी, जयंती मेलगांडी, नारायण कांडेयांग और संदीप प्रधान ने किया. धरने को अजित कांडेयांग, अम्बिका यादव, बिरसा तियु, मानकी तुबिड, नन्दी जामुदा, पार्वती बालमुचू, पदमा देवी, रमेश जेराई, सिनी दोंगो, सिराज दत्ता और तुराम तामसोय समेत कई वक्ताओं ने संबोधित किया.
धरने के अंत में लोगों ने उपायुक्त कार्यालय को संलग्न मांग पत्र दिया और निम्न मांग किया
1. ज़िला में राशन की कटौती पर पूर्ण रोक लगाया जाए.
2. संलग्न लंबित शिकायटन पर त्वरित कार्यवाई कर मुआवज़ा सहित बकाया राशन सुनिश्चित किया जाए.
3. दोषी डीलर पर प्राथमिकी दर्ज कर उनका लाइसेंस रद्द किया जाए एवं दोषी पदाधिकारियों के विरुद्ध न्यायसंगत कार्यवाई की जाए.
4. जिन परिवारों का राशन कार्ड डिलीट किया गया है, उन्हें तुरंत नया राशन कार्ड दिया जाए और बकाया राशन दिया जाए. बिना कार्डधारी और ग्राम सभा के जानकारी के राशन कार्ड डिलीट करना बंद किया जाए.
5. अनेक कार्डधारियों को कच्चे कॉपी में दर्ज कर राशन दिया जाता है क्योंकि उनको कार्ड नहीं दिया गया है. तुरंत ज़िला के सभी ऐसे कार्डधारियों को कार्ड छाप कर दिया जाए.
रिपोर्ट: संतोष वर्मा, चाईबासा
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