रांची(RANCHI): लोन दीमक की तरह घर परिवार और समाज को बर्बाद कर रहा है. लोन लेकर कई परिवार बेघर हो गए तो कई युवक फंदे से लटक कर अपनी जिंदगी को खत्म कर लिया. ऐसा ही एक मामला पलामू से सामने आया है.पलामू के हैदर नगर थाना क्षेत्र में माइक्रो फाइनेंस कंपनी के लोन न चुकाने पर एक गांव के 22 परिवार पलायन कर लिया.
चौकड़ी गांव के 22 गरीब दलित परिवार के घर पर ताला लटका हुआ है. सभी परिवार के लोग गांव को छोड़ दूसरे राज्य पलायन कर गए. वह कहां गए किसी को इसकी कोई जानकारी नहीं है. गांव में रोजगार का भी कोई साधन नहीं है. जिस वजह से लोन चुकाने में उन्हें दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था.
चौकड़ी गांव की कमला देवी बताती है कि वह काफी गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं. समूह से लोन लिया था. लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से लोन चुकाने में दिक्कत हो रही है, ऐसा नहीं है की किस्त नहीं दे रही है. टाइम से लेट हो रहा है. इस पर कंपनी के द्वारा उन्हें डराया धमकाया जा रहा है. उनके पास अब कोई रास्ता नहीं है. उन्होंने कहा कि जहर खाकर जिंदगी खत्म करना ही रास्ता बचा है. वहीं चौकड़ी गांव की ही शीला देवी बताती है कि घर पर कोई नहीं रहता पति बाहर रहकर मजदूरी का काम करते हैं 50000 समूह से लोन लिया था इस पर कंपनी के लोग उन्हें डरा धमका रहे.
अब सवाल उस माइक्रोफाइनेंस कंपनी पर उठने लगा है. लोन देते समय एक गाइडलाइन होती है. किसी तरह का टॉर्चर नहीं किया जा सकता. उसके लोन की जानकारी उसके पड़ोसी या किसी को नहीं दे सकते. ना ही उसे सरेआम बेइज्जत कर सकते हैं. लेकिन माइक्रो फाइनेंस कंपनी के वसूली करने वाले एजेंट गुंडे जैसा सलूक कर रहे हैं. लोन की किस्त न चुकाने पर गाली गलौज और घर में घुस जाते हैं. इससे डर और दहशत में गरीब परिवार है.
हैदर नगर के चौकड़ी गांव के 22 परिवार ने माइक्रोफाइनेंस कंपनी से लोन लिया. इसके बाद आर्थिक तंगी के वजह से लोन का पैसा चुकाने में असमर्थ हो गए. लोन की किस्त बकाया हुई तो फाइनेंस कंपनी के एजेंट के द्वारा तंग करना शुरू कर दिया गया. इसके बाद परिवार के लोगों ने गांव ही छोड़ दिया. एक दो नहीं बल्कि 22 परिवार के घरों में अब ताला लटका है. महिलाएं इतना डर के साए में गांव में जी रही है कि उनके बगल में रहने वाले लोग कहां गए यह बताने को भी तैयार नहीं है.
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