धनबाद(DHANBAD): 2017 में धनबाद होमगार्ड के 10 68 पदों के लिए बहाली निकाली गई थी. फिर 2018 में बहाली की प्रक्रिया शुरू हुई तो 735 अभ्यर्थियों ने सभी अहर्ताओं को पूरा किया. उसके बाद उन्हें बुनियादी प्रशिक्षण के लिए नहीं भेजा गया. बहुत दिनों तक बुनियादी प्रशिक्षण का अभ्यर्थी इंतजार करते रहे. अचानक बहाली में गड़बड़ी का मामला सामने आ गया. इसके बाद तो विभाग में अफरा-तफरी मच गई. आनन-फानन में पैसा लेने वाले एक होमगार्ड के जवान को जेल भेज दिया गया.
सीडी और हार्ड डिस्क कर दिए गए गायब
लेकिन गड़बड़ी का सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ. गड़बड़ी सामने ना आए इसलिए कंप्यूटर की सीडी और हार्ड डिस्क गायब कर दिए गए. इसमें भी कार्रवाई के नाम पर एक को केवल जेल भेजा गया. जांच की जद में आए बड़े अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस मामले की जांच रिपोर्ट जब सरकार को गई तो सरकार ने बहाली को रद्द कर दिया और नए सिरे से बहाली करने का आदेश निर्गत कर दिया. अब जाकर गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ राज्य सरकार सख्त हुई है. सरकार के अवर सचिव ने हजारीबाग के प्रमंडलीय आयुक्त को पत्र लिखकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई को कहा है.
2017 में हुई होमगार्डों की बहाली में अनियमितता और भ्रष्टाचार की शिकायत
पत्र में अवर सचिव ने इस बात का जिक्र किया है कि साल 2017 में हुई होमगार्डों की बहाली में अनियमितता और भ्रष्टाचार की शिकायत है. शारीरिक जांच परीक्षा की सीडी भी उपलब्ध नहीं कराई गई, जिसके कारण 15 जून 2022 को इस प्रक्रिया को रद्द करना पड़ा. पत्र में कहा गया है कि बहाली तो रद्द कर दी गई लेकिन दोषी पदाधिकारी और कर्मचारी के विरुद्ध अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. निर्देश दिया गया है कि दोषी पदाधिकारी और कर्मचारियों पर तुरंत कार्रवाई कर प्रतिवेदन विभाग को सुपुर्द किया जाये. सरकार के इस रवैया से 735 युवक-युवतियों का भविष्य अंधकार में लटक गया है. इसको लेकर प्रतीक्षा में बैठे अभ्यर्थी आंदोलन भी किए, धरना प्रदर्शन किए, मांग उठाई कि अगर सीडी और हार्ड डिस्क गायब हो गए हैं, तो इसमें उनका क्या कसूर है. उनकी उम्र भी धीरे-धीरे खत्म हो रही है. ऐसे में सरकार केवल अभ्यर्थियों को ही सजा क्यों दे रही है, जिन अधिकारियों ने यह सब गड़बड़ी की है, उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद
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