बोकारो(BOKARO): देश में बेरोजगारी एक बहुत बड़ी समस्या है. रोजगार की तलाश में आए दिन यहां के मजदूर दूसरे देश पलायन करते हैं. अपने वतन को छोड़कर हजारों किलोमीटर दूर कमाने के लिए जाते हैं ताकि अपनी और अपने परिवार के लोगों की भरन-पोषण अच्छे से कर सके. लेकिन आये दिन खबर मिलती रहती है कि कंपनी वाले गरीब मजदूरों को बुलाकर शोषण करते हैं. इसी कड़ी में ओमान की राजधानी मस्कट में झारखंड के गिरिडीह,बोकारो और हजारीबाग के फंसे 6 मजदूर फसे हुए हैं. इनकी वतन वापसी का गतिरोध अब तक दूर नहीं हो पाया है. जिसकी वजह से परेशान होकर मजदूरों ने फिर से सरकार से वतन वापसी की गुहार लगाई है.
ये सभी मजदूर खाने-पीने के लिए दाने-दाने को मोहताज
वहां फंसे मजदूरों में हजारीबाग जिले के बिष्णुगढ थाना क्षेत्र के नेरकी के संजय महतो,उच्चाघाना के महादेव महतो,अम्बाडीह के दिनेश महतो, अर्जुन महतो, गिरिडीह जिले के बगोदर थाना क्षेत्र अंतर्गत महुरी के किशोर महतो, बोकारो जिले के पेंक नारायणपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत पोखरिया के युगल महतो शामिल है. इन मजदूरों का हाल यह है कि खाने-पीने के लिए ये दाने-दाने को मोहताज हैं.
मोबाइल टाॅवर खडे करनेवाली कंपनी में काम करने गए थे ओमान
पिछले 22 दिसंबर 2022 को मोबाइल टाॅवर खडे करनेवाली कंपनी में काम करने के लिए ओमान की राजधानी मस्कट गये थे. जहां दो महीने वेतन मिलने के बाद पिछले पांच महीने से वेतन नहीं मिला है. जिसके कारण सभी मजदूर दाने-दाने को मोहताज हो गये है. इधर मजदूरों के परिजन परेशान हैं. प्रवासी मजदूरों के हित में काम करने वाले समाजसेवी मजदूरों की आवाज उठाने वाले सिकंदर अली का कहना है कि सरकार कंपनी पर दबाव बनाकर मजदूरों को बकाया मजदूरी और वतन वापसी का टिकट दिलाए. मजदूर के परिजन यहां बिलख रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह कोई पहली घटना नहीं है जब काम की तलाश में मजदूर विदेश जाते हैं, तब उन्हें वहां कई तरह की यातनाएं झेलनी पड़ती है और बड़ी मुश्किल से वे वतन लौट पाते हैं. ऐसे में सरकार को इस पर ठोस कदम उठाने की जरूरत है.
रिपोर्ट: संजय कुमार
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