गिरिडीह (GIRIDIH): गिरिडीह जिला शिक्षा विभाग ने फर्जी डिग्री के आधार पर 15 साल तक सहायक अध्यापक की नौकरी करने वाले जिले के 225 अभ्यर्थी की सेवा बर्खास्त कर उन्हे नौकरी से निकाल दिया है. जिला शिक्षा अधीक्षक विनय कुमार ने सेवा बर्खास्तगी का पत्र भी गुरुवार को जारी करते हुए इसकी पुष्टि की. जबकि पिछले 15 साल से फर्जी तरीके से नौकरी कर वेतन उठाने के आरोप में अब शिक्षा विभाग इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग को लेटर जारी कर निर्देश मांगा है. निर्देश मिलने के बाद गिरिडीह जिला शिक्षा विभाग इनसे वेतन रिकवरी करने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है. लेकिन इस कारवाई के बाद 225 अभ्यर्थी में हड़कंप मचा हुआ है.
जिले के सहायक शिक्षकों पर भी लटका तलवार
वैसे कारवाई की तलवार जिले के सहायक शिक्षको पर भी लटक रहा है. क्योंकि सहायक शिक्षको के डिग्री फर्जी होने की बात सामने आई है. और अब शिक्षा विभाग इनके डिग्री की जांच में जुटा हुआ है. जानकारी के अनुशार यूपी सरकार से मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान होने का दावा कर बहाली के वक्त यूपी के भारतीय शिक्षा परिषद और इलाहाबाद के गुरुकुल से मिले डिग्री देकर नौकरी हासिल करने वाले कई युवाओं को 15 साल पहले सहायक अध्यापक के पद पर नौकरी मिली थी. वही अब 15 साल बाद जब इनके डिग्री की जांच शुरू हुआ, तो पता चला की इनके द्वारा दिया गया डिग्री यूपी के दोनो फर्जी संस्थान के है. दोनो में कोई यूपी सरकार से मान्यता प्राप्त नहीं है. लिहाजा, जांच के आधार पर जिले के देवरी और गांवा समेत अन्य स्कूलों से इनके सेवा को गुरुवार को बर्खास्त कर नौकरी वापस ले लिया गया.
रिपोर्ट : दिनेश कुमार
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