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धनबाद (DHANBAD)- बंगाल से निकट होने के कारण धनबाद के लोगों के रहन सहन के साथ पूजा त्यौहारों में बंगाल की छाप दिखती है. ऐसे में बंगाल में मनाया जाने वाला हर पर्व यहां पूरे उत्साह से मनाया जाता है. बंगाली समुदाय शरद पूर्णिमा के दिन कोजागरी लक्खी पूजा मनाता है. इस पूजा को लोग लक्ष्मी पूजा के नाम से भी जानते हैं.
देहरी पर अल्पना
बांग्ला पंजी के अनुसार पूर्णिमा तिथि के विजयादशमी के बाद लक्ष्मी पूजा का आयोजन किया जाता है. वहीं इस वर्ष पूर्णिमा दो दिन पड़ने के कारण पूजा 19 के साथ 20 अक्टूबर को भी मनाया गया. पूजा के पहले घरों में साफ सफाई की जाती है. फर्श पर मां लक्ष्मी के पैरों के निशान और अल्पना बनाए जाते हैं. पूजा के दिन भक्त व्रत रख माता की प्रतिमा स्थापित करते हैं. फिर खिचड़ी, खीर पूरी, मिठाई, फल आदि का भोग लगा कर विधि विधान से पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार देवी की पूजा से सालों भर घर, परिवार में धन, सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है. पहले पूजा के लिए पंडाल आदि बनाने की परिपाटी थी. फ्लैट कल्चर का विस्तार होने के कारण अब बाहर पंडालों में पूजा करने के बजाय लोग सोसाइटी में ही पूजा करना बेहतर समझते हैं.
रिपोर्ट : अभिषेक कुमार सिंह, ब्यूरो चीफ, धनबाद
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