धनबाद में पंचायत चुनाव: अब तक किस-किस की चलती रही मर्जी, क्यों हैं ढुल्लू महतो चर्चा में


धनबाद(DHANBAD): 1988 में जब धनबाद नगर पालिका का चुनाव हुआ था ,उस समय वार्ड कमिश्ननरों को धनबाद से बाहर भेज कर वोट बटोरने की कोशिश ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं. इस चुनाव में अशोक साव धनबाद नगर पालिका के अध्यक्ष चुने गए थे. हुआ यूं था कि जब अशोक साव के पक्ष में गिनती नहीं बैठ रही थी तो उन्होंने तरकीब निकाली और अपने पक्ष में गणित बैठाने के लिए कई सदस्यों को बाहर भेज दिया.
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अब तक होता रहा क्या
और वह चुनाव के ठीक वक्त बैंक मोड़ स्थित नगर पालिका के कार्यालय पहुंचे और अशोक साव के पक्ष में वोटिंग की. नतीजा हुआ कि अशोक साव अध्यक्ष चुन लिए गए. उसके बाद तो यह परिपाटी 2016 में धनबाद जिला परिषद के अध्यक्ष के चुनाव में दुहराई गई. सदस्यों को रोबिन चंद गोराई के पक्ष में धनबाद से बाहर भेज दिया गया और वोटिंग के दिन वह वापस लौटे और रोबिन चंद्र गोराई अध्यक्ष बन गए. फिर यही बात धनबाद जिला परिषद अध्यक्ष के चुनाव में 2022 में दुहराई गई. और येन केन प्रकारेण बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो के समर्थक शारदा देवी अध्यक्ष बन गई और उपाध्यक्ष भी उन्हीं के मर्जी से बनी.
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पंचायत चुनाव में बदलाव की बयार
बता दें कि इस बार पंचायत चुनाव में बदलाव की बयार दिखी थी. लगा कि सब कुछ प्रजातांत्रिक ढग से होगा लेकिन इस बीच अपनी -अपनी ताकत दिखाने के लिए लोग कूद पड़े और अपने चहेते को कुर्सियों पर बैठाने के लिए वैसे काम के लिए तैयार हो गए, जो कि प्रजातांत्रिक व्यवस्था में स्वीकार नहीं किया जा सकता. अब देखना है कि गांव की सरकार धनबाद का विकास कितना कर पाती है या फिर अपने-अपने आकाओं का गणेश परिक्रमा कर ही कार्यकाल पूरा कर लेती है.
ढुल्लू महतो की रणनीति
बाघमारा के प्रमुख और उप प्रमुख के चुनाव को लेकर अब विधायक ढुल्लू महतो सक्रिय हैं. खबर है कि पंचायत समिति सदस्यों को दो बसों में सवार कर धनबाद से बाहर भेज दिया गया है. 21 जून को मतदान होना है. जानकारी के अनुसार ऐसी व्यवस्था की गई है कि सैर सपाटे के बाद पंचायत समिति सदस्य बाहर ही बाहर बाघमारा पहुंचेंगे और वोटिंग करेंगे.
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