चतरा(CHATRA): राजपुर थाना क्षेत्र के किसी घटना के बाद कई बार पुलिस उन्हें हिरासत में ले लेती है या गिरफ्तार कर लेती है, जिनका दूर-दूर तक उस वारदात से लेना-देना नहीं होता है. कई मामले में ऐसा लोग अदालत से निर्दोष साबित होकर जेल से बाहर निकलते हैं. चतरा में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है. एक हत्या से जुड़े केस में पीडितों ने किसी और के नाम FIR दर्ज करवा दी. लेकिन पुलिस की पड़ताल में आरोपी कोई तीन और ही निकले.
पंद्रह जून को हुई थी पाहन की हत्या
मामला राजपुर थाना क्षेत्र के कासियाडीह गांव के बालेश्वर भुइंया की 16 जून को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मामले में उनकी पत्नी सुनीता देवी ने गांव के ही 3 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी. जिसमें महेश यादव, बिसन यादव और रामेश्वर भोक्ता के नाम शामिल थे. तीनों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था. लेकिन जब पुलिस ने अपने स्तर से जांच-पड़ताल की तो मामला कुछ और ही निकला। उक्त तीनों को पुलिस ने छोड़ दिया और असली तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया. इनमें राजू भुइयां, रामफल भुइयां और पच्चन भुइयां के नाम हैं. इन तीनों ने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया है. राजपुर थाना प्रभारी विकास पासवान की सूझबूझ के कारण इस हत्याकांड का उद्भेदन हो पाया है.
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एसपी ने बताई पूरी कहानी
एसपी राकेश रंजन ने आज मीडिया को पूरी कहानी बताई. कहा कि अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी अविनाश कुमार के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया था. इस SIT ने जब गहनता से जांच की, तो पता चला कि मृतक बालेश्वर भुईयां पाहन ने गांव के राजू भुइयां से कहा कि तुम्हारे घर में जल्द ही एक व्यक्ति की मृत्यु होगी और इसी बीच राजू की सास की मृत्यु 15 दिन के अंदर हो गई. राजु को लगा कि बालेश्वर के कारण ही उसकी सास की मृत्यु हुई है. इसी घटना के बाद उसने बदला स्वरूप दो दोस्तों रामफल और पच्चन के साथ मिलकर 15 जून को रात के करीब 10:30 बजे देसी बन्दूक से बालेश्वर भुईयां की हत्या कर दी थी.
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