किरीबुरू में शराब खरीदने गए लोगों को दुकान के सामने मिला नकली स्टिकर और बारकोड


चाईबासा(CHAIBASA): झारखंड सरकार ने राज्यभर में शराब बेचना शुरू किया था, इससे सरकार को भारी राजस्व की कमाई की अपेक्षा थी. सरकार की अपेक्षा पूरी भी हो रही है. शराब पीने वाले भर-भर कर सरकार को राजस्व दे रहे हैं. मगर, सरकार ने ये नहीं सोचा होगा कि सरकारी शराब दुकानों में देशी शराब भी बेची जाएंगी. जी हां, सरकारी शराब दुकानों में अब देशी शराब भी बिक रही है.
शराब के शौकीनों ने की शिकायत
ताजा मामला चाईबासा जिले का है, जहां झारखंड सरकार के आबकारी विभाग द्वारा संचालित अंग्रेजी शराब की दुकानों में असली शराब की आड़ में कुछ अवैध और नकली शराब की बिक्री करने का आरोप शराब के शौकीनों ने लगाया है. शराब का नियमित सेवन करने वाले कुछ लोगों ने बताया कि सरकारीअंग्रेजी शराब की दुकानों से विभिन्न ब्रांडों की शराब जब अलग-अलग दिन खरीदी जाती है, तो एक ही ब्रांड की शराब का टेस्ट और स्वाद में कभी-कभार भारी अंतर दिखाई देता है. कई बार खरीदी गई शराब की बोतल के ढक्कन से शराब लीक होती मिलती है. शिकायत करने के बाद भी दुकानदार मामले को गंभीरता से नहीं लेते हैं. उनका कहना है कि शराब की बोतल के ढक्कन के ऊपर लगे बारकोड युक्त स्टिकर भी संदेह के घेरे में हैं. अलग-अलग बारकोड युक्त इस स्टिकर को स्कैन करने पर ग्यारह अंकों वाले अलग-अलग प्रकार के ऐसे 31002022433 नंबर दिखाई दे रहे हैं, जबकि जानकारों का कहना है कि बार कोड को स्कैन करने पर उसमें पूरा पता दिखाई देता है कि किस फैक्ट्री से और कब पैक हुआ है.
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भारी मात्रा में स्टिकर हुए बरामद
बता दें कि लोगों ने किरीबुरु स्थित शराब दुकान के बाहर गिरे ढक्कन के ऊपर लगाये जाने वाले बारकोड युक्त स्टिकर भारी मात्रा में बरामद किया था. इस दौरान इन्होंने आबकारी विभाग और शराब दुकान संचालकों से सवाल पूछा है कि अगर शराब की फैक्ट्रियों में शराब पैक और सील बंद कर और उस पर उक्त सरकारी बारकोड युक्त स्टिकर लगाकर दुकानों में भेजा जाता है, फिर इतनी तादाद में यह स्टिकर शराब दुकान के बाहर कैसे मिल रहा है. ऐसे में यह स्टिकर प्रमाणित कर रहे हैं कि कहीं न कहीं शराब की खाली बोतलों में अवैध शराब को भरकर और उसमें नकली ढक्कन और लेबल और यह स्टिकर लगाकर आम ग्राहकों को नकली शराब असली बताकर महंगे दामों पर बेचा जा रहा है.
पहले भी ऐसे मामले आ चुके हैं सामने
अब लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि वह असली शराब की दुकान से कहीं नकली शराब तो खरीदकर कहीं नहीं पी रहे हैं. उल्लेखनीय है कि किरीबुरु पुलिस ने पूर्व में किरीबुरु स्थित शराब दुकान से अवैध शराब के कारोबार का दो बार उद्भेदन कर इस कार्य में लिप्त शराब दुकान के कर्मचारियों को पकड़ जेल भेजा था. साथ ही इनके पास से भारी मात्रा में नकली शराब, शराब के बोतल का ढक्कन, लेबल, बार कोड युक्त स्टिकर आदि बरामद किया था. फिर भी यह अवैध धंधा रूकने का नाम नहीं ले रहा है. बता दें कि राज्य में सबसे पहले ऐसा मामला पलामू जिले में सामने आया था, जिसपर पुलिस ने कार्रवाई भी की थी.
रिपोर्ट: संदीप गुप्ता, गुवा (चाईबासा)
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