मुख्यमंत्री अपना और अपने मंत्रियों के संपत्ति की भी जांच एसीबी से करवाएं,सरकार की जांच के आदेश का स्वागत है – अमर कुमार बाउरी


रांची (RANCHI) समाचार पत्रों में छपी एक खबर पढ़कर बहुत आश्चर्यचकित हूं.समाचार पत्रों में छपा है कि रघुवर दास की सरकार में शामिल पांच मंत्रियों की आय से अधिक संपत्ति के मामले में एसीबी जांच करेगी. गौरतलब है कि चुनाव आयोग के समक्ष चुनाव के समय अपनी आय का व्योरा पहले से ही दिया जाता है, जो पब्लिक डोमेन में उपलब्ध है. इसमें कुछ भी छिपाने की बात नहीं है.हेमंत सरकार जो खुद भ्रष्टाचार के दलदल में फंसी हुई है.हम चोर तो सभी चोर की मानसिकता से 2020 से ही बदले की भावना के साथ कार्य कर रही है.वर्ष 2020 में झारखण्ड उच्च न्यायालय में इसी मामले को लेकर एक जन हित याचिका दर्ज कराई गई थी, जो अभी लंबित है.
मुख्यमंत्री अपना और अपने मंत्रियों के संपत्ति की भी जांच एसीबी से करवाये
राज्य के अक्षम मुख्यमंत्री को नियम कानून की भी जानकारी नहीं है.दुर्भाग्य है कि सीएम ने सरकारी संकल्प को ही ठेंगा दिखाते हुए आदेश जारी कर दिया, जबकि सरकारी नियम एवं संकल्प में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि -
“प्रत्यानुपातिक धनार्जन के संबंध में प्रारंभिक जाँच गोपनीय रूप से की जायेगी. अनुमति प्रदान करने की प्रक्रिया भी गोपनीय रहेगी.किसी भी स्तर से सूचना को सार्वजनिक नहीं किया जायेगा.यदि गोपनीय आसूचना सत्यापन के उपरान्त प्रारंभिक जाँच दर्ज करना आवश्यक है तो ब्यूरो प्रमुख द्वारा उपरोक्त कंडिका में अंकित प्राधिकार जा सकेगी, के अनुमोदनोपरान्त अग्रतर कार्रवाई की जाये।"
हेमंत सोरेन की सरकार को नियमों की जानकारी नही
सरकार अपनी बनाई नियमावली को ही नहीं मान रही. फिर भी हम सरकार के निर्णय का स्वागत करते हैं. सांच को आंच क्या? लेकिन मेरा मुख्यमंत्री जी से आग्रह की वे भी अपनी संपत्ति की भी जांच कराएं. वर्ष 2014 में उनकी संपत्ति 3.50 करोड़ से 245 प्रतिशत बढ़कर 2019 में 8.50 करोड़ कैसे हो गई.यदि सरकार सुचिता लाना चाहती है तो अपने मंत्रियों की संपत्ति की भी जांच कराएं.
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