पंचायत सचिव को बंधक बनाने के मामले में मुखिया और उसके पति को डेढ़ साल की सजा, पांच हजार का जुर्माना


दुमका(DUMKA): जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र के एक पंचायत सचिव पर अवैध दबाव बनाने तथा कार्यालय में बंद करने से संबंधित नौ साल पुराने मामले में अदालत ने पूर्व मुखिया और उसकी पत्नी वर्तमान मुखिया को दोषी करार देते हुए डेढ़ साल के कारावास के साथ पांच हजार रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनायी है.
दुमका के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी विजय कुमार यादव की अदालत ने रामगढ़ थाना कांड संख्या 114/2013(जीआर केस नम्बर 1068/2013 ) में दोनों पक्षों की ओर से बहस सुनने के बाद रामगढ़ थाना क्षेत्र के सिलठा बी पंचायत के पूर्व मुखिया श्यामलाल पहाड़िया और उसकी पत्नी वर्तमान मुखिया मूर्ति देवी को दोषी पाकर भादवि की धारा 353 के तहत डेढ़ साल के कारावास और पांच हजार रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनायी. जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर आरोपी को एक माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी, जबकि न्यायालय ने भादवि की धारा 342 के तहत भी दोषी पाकर दम्पत्ति को छह माह के कारावास और पांच सौ रुपया जुर्माना अदा करने की सजा सुनायी है. जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर 15 दिन अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी.
2013 का है मामला
इस मामले में सरकार की ओर से सहायक लोक अभियोजक राम किंकर पांडेय ने पैरवी की और बहस में हिस्सा लिया. अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में पांच गवाह पेश किये गये तथा प्रतिपरीक्षण कराया गया. एपीपी से मिली जानकारी के अनुसार, रामगढ़ प्रखंड क्षेत्र के पंचायत सचिव विष्णु कुमार चौधरी की शिकायत पर सिलठा बी के पूर्व मुखिया श्यामलाल पहाड़िया और उसकी पत्नी वर्तमान मुखिया मूर्ति देवी के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गयी थी. दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक 17 जुलाई 2013 को रामगढ़ प्रखंड के सिलठा बी के पूर्व मुखिया श्यामलाल पहाड़िया जो वर्तमान में सीएचसी में कार्यरत है, ने अपनी पत्नी और वर्तमान मुखिया मूर्ति देवी और उसकी सहेली के साथ मिलकर पंचायत सचिव विष्णु कुमार चौधरी को अवैध कार्य करने के लिए दबाब बनाने को लेकर कार्यालय में बंद कर अपराधिक घटना को अंजाम दिया था. हालांकि, बाद में पुलिस के पहुंचने पर पंचायत सचिव को मुक्त कराया जा सका था.
रिपोर्ट: पंचम झा, दुमका
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