न्याय की जीत : 26 दिन बाद पीडि़त परिवार का टूटा अनशन, दुकान के सामने से हटा ईंट और टैंकर,


धनबाद(DHANBAD) | अशोक महतो एवं उनके परिवार का अहिंसक आंदोलन 26 वें दिन जीता. इसके साथ ही विधायक ढुल्लू महतो के' जिद' की हार भी हुई. यह साबित हुआ कि सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं. गरीब-बेसहारा को भी न्याय मिल सकता है, लेकिन इसके लिए उसे संघर्ष करना पड़ेगा. बता दें कि चीटा ही स्थित रामराज मंदिर के परिसर में वहां के ग्रामीण अशोक महतो की दुकान के आगे टैंकर खड़ी कर दी गई थी और आगे-पीछे ईट गिरा दी गई थी.
कहा जा रहा था कि यह जमीन अशोक महतो की नहीं है जबकि अशोक महतो की मांग थी कि प्रशासन इसकी जांच कराएं, अगर उनकी जमीन नहीं है तो लिख कर दे दे, वह धरना स्थल से उठकर चले जाएंगे. लेकिन इन्हीं सब में 26 दिन लग गए और आज 26 वें दिन अशोक महतो एवं उनके परिवार का धरना टुटा, मजिस्ट्रेट प्रभात कुमार सहित अन्य ने जूस पिलाकर धरना समाप्त कराया. निर्णय यही हुआ कि अशोक महतो दुकान चलाएंगे और जब तक न्यायालय का फैसला नहीं आता है तब तक निर्माण में कोई फेरबदल नहीं किया जाएगा और न्यायालय का जो फैसला आएगा, उसे सब को मानना होगा. बता दें कि शनिवार को प्रशासन ने दुकान के आगे खड़ी टैंकर को हटवा दिया. ईट को भी उठा लिया गया है. पिछले 48 घंटे से समझौता का नाटक चल रहा था लेकिन रविवार को पटाक्षेप हुआ और अनशन टूट गया. अनशन पर बैठी अशोक महतो की बेटी सुनीता कुमारी ने कहा कि न्याय मिला लेकिन अब आगे क्या होगा, यह देखने वाली बात होगी. हां, इतना जरूर है कि दबे-कुचले लोगों को यह आंदोलन एक प्रेरणा देगा कि संघर्ष करने से सफलता जरूर मिलती है. वहीं अशोक महतो ने कहा कि दुकान के आगे खड़ी टैंकर को शनिवार को हटा लिया गया है. फैसला हुआ है कि आधी दुकान पर शांति देवी का कब्जा रहेगा जबकि आधी दुकान अशोक महतो के पास रहेगी. न्यायालय का फैसला आने के बाद जिसके पक्ष में फैसला जाएगा, वह उस जमीन का मालिक होगा.
जलेश्वर महतो ने प्रशासन को दिया धन्यवाद
धरना स्थल पर पहुंचे पूर्व मंत्री जलेश्वर महतो ने कहा कि देर से ही सही लेकिन जिला प्रशासन जागा और अशोक महतो को न्याय मिला है. इसके लिए उन्होंने प्रशासन को साधुवाद भी दिया. उन्होंने कहा कि आज यह प्रमाणित हो गया की आतंक की खेती बहुत दिनों तक नहीं चलती. बाघमारा के विधायक एक जिम्मेदार पद पर हैं, किसी को समस्या होती है तो वह पहले भागा -भागा जनप्रतिनिधि के पास जाता है लेकिन यहां तो जनप्रतिनिधि से ही परिवार प्रताड़ित था. बियाड़ा के पूर्व अध्यक्ष एवं समाजसेवी विजय झा ने कहा कि न्याय की जीत हुई है, सत्य की जीत हुई है, गांधी के विचारधारा की जीत हुई है. अशोक महतो एवं उन के परिवार का आंदोलन दशकों तक धनबाद में याद किया जाएगा और लोग अत्याचार के खिलाफ उठ खड़े होने के लिए प्रोत्साहित होंगे.
रिपोर्ट: प्रकाश, धनबाद
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