राजनीति : जेएमएम के काउंटर अटैक से भाजपा ने बदला हमला करने का तरीका


झारखंड में हेमंत सरकार बनाम भाजपा
रांची- भाजपा की ओर से लगातार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके करीबियों पर सत्ता का बेजा लाभ उठाने का आरोप लगाया जा रहा है. माइनिंग लीज मामले से उठे बवंडर के बाद कुछ समय तक मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी यानी जेएमएम थोड़ी बचाव की मुद्रा में थी. लेकिन यह तरीका उसे कमजोर साबित कर रहा था. इसलिए इन लोगों ने अपना पैंतरा बदला और आक्रामक तरीका अपनाया. मोमेंटम झारखंड की फाइल से खोज कर कुछ मुद्दा निकाल कर पिछली बीजेपी सरकार को कटघरे में खड़ा करने और कार्रवाई का डर दिखाने का प्रयास हुआ.
भाजपा पर मुख्यमंत्री का हल्ला बोल
उधर दिल्ली में भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने साफ तौर पर कहा कि भाजपा के नेताओं को कोई काम नहीं है.यह खुद वकील भी हैं और जज भी. इसलिए इन्हें कोई जवाब देने की जरूरत नहीं है. अगर कहीं जरूरत पड़ी तो वे उपयुक्त स्थान पर अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देंगे
कांउटर अटैक के बाद भाजपा ने बदला पैतरा
जेएमएम और मुख्यमंत्री की ओर से काउंटर अटैक के बाद भाजपा ने अपना तेवर थोड़ा बदला है. भाजपा नेता कहते हैं कि हम विपक्ष में हैं और एक जागरूक विपक्ष के रूप में उनका काम सरकार की कमियों या गलतियों को जनता के सामने लाना है. इसका परिणाम कानूनी रूप से क्या निकलता है, इससे उन्हें कोई मतलब नहीं. लेकिन,वे यह काम करते रहेंगे. राज्य सभा सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि एक मजबूत और जागरूक विपक्ष का काम है कि वह जनता के हितों का ख्याल रखे और सरकार अगर कहीं गलत करती है तो उसे भी बताने का काम करे. उन्होंने मुख्यमंत्री पर पलटवार करते हुए कहा कि वह वकील या जज नहीं बल्कि इस राज्य के चौकीदार हैं. भारतीय जनता पार्टी झारखंड की जनता के हितों के साथ अनदेखी नहीं होने देगी. भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने भी कहा है कि माइनिंग लीज के मामले हो या अपने परिवार के लोगों को उपकृत करने का कोई काम,यह कानूनी दायरे में कहां आता है और क्या कार्रवाई हो सकती है, यह उनकी चिंता का विषय नहीं है. वे विपक्ष का धर्म निभा रहे हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं ने 2 दिन पूर्व प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह संकेत दिया था कि आने वाले समय में रघुवर दास, बाबूलाल मरांडी के बारे में और अधिक जानकारी सामने लाएंगे. उधर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा पर भी जब जेएमएम ने जाति को लेकर सवाल खड़ा किया तो वे भी मीडिया के सवालों से बचते दिखे. भाजपा नेताओं का साफ तौर पर कहना है कि वे जनता के द्वारा चुनी हुई सरकार को अस्थिर नहीं करना चाहते हैं.
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