स्कूल पर जबरन एटीएम कार्ड से पैसा निकालने का आरोप, कोर्ट में मुक़दमा दर्ज
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धनबाद (DHANBAD) : डीएवी पब्लिक स्कूल, कोयला नगर के ऑफिस सुपरीटेंडेंट ने न केवल मेरे साथ अभद्रता की, बल्कि न्यायिक पदाधिकारियों पर भी अभद्र टिप्पणियां की. एडमिट कार्ड देने के एवज में जबरन मुझसे 46 हजार 220 रुपए लिए. मेरे बच्चे को रुपया ना देने तक जबरन बैठा कर रखा गया. जब मैंने अनलॉफुल कन्फाइनमेंट की सूचना सरायढेला थाने में दी तो मेरे बच्चे को स्कूल से छोड़ा गया. यह आरोप अधिवक्ता अनूप कुमार सिन्हा ने डीएवी पब्लिक स्कूल, कोयला नगर के ऑफिस सुपरीटेंडेंट जॉर्ज बर्नाड डिक्रूज के विरुद्ध अदालत में दायर मुकदमे में लगाया है.
27 मई को है सुनवाई
धनबाद के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय सिंह की अदालत ने मामले को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए 27 मई की निर्धारित की है. अधिवक्ता ने कोर्ट में दायर मुकदमे में कहा है कि 21 अप्रैल 22 को उनके व्हाट्सएप पर एक सूचना आई कि अपने बच्चे का एडमिट कार्ड लेने के लिए वह बच्चे के साथ स्कूल पहुंचे. इस सूचना पर वह अपने बच्चे के साथ डीएवी स्कूल ,कोयला नगर पहुंचे तो क्लास के अंदर शिक्षकों ने उनसे 46 हजार 220 रुपए की मांग की और कहा कि रुपया जमा करने पर ही एडमिट कार्ड दिया जाएगा.
ऑफिस सुपरीटेंडेंट पर यह आरोप
इस पर अधिवक्ता ने कहा कि एडमिट कार्ड सीबीएसई द्वारा जारी किया गया है, जिसमें कहीं नहीं लिखा गया कि बिना रुपया के एडमिट कार्ड नहीं दिया जाएगा. दूसरी और झारखंड सरकार ने भी आदेश जारी किया है, जिसमें ट्यूशन फी छोड़कर अन्य शुल्क को लेने पर प्रतिबंध लगाया गया है, वह आदेश आज तक प्रभावी है. इस पर क्लास रूम में मौजूद शिक्षकों ने प्रिंसिपल से बात करने को कहा और उनके बच्चे को वहीं बैठा लिया. जब वह प्रिंसिपल से मिलने गए तो प्रिंसिपल नहीं मिले. ऑफिस सुपरीटेंडेंट डिक्रूज से मिलने को कहा गया. डिक्रूज ने अधिवक्ता से कहा ज्यादा कानून मत बताओ. तुम जज है क्या, बहुत जजों को देखा है. इस पर अधिवक्ता ने कहा कि आप न्यायिक पदाधिकारियों पर अभद्र टिप्पणी नहीं कर सकते तो कहा जो करना है कर लो, तीन चार केस और करवा दो और दबाब बनाकर जबरन एटीएम कार्ड और मेरा मोबाइल फोन ले लिया.
फफक कर रोने लगा बच्चा
मेरे अकाउंट से 46 हजार 220 रुपए की निकासी कर ली गई. अधिवक्ता ने आरोप लगाया है कि डिक्रूज ने कहा कि जब रुपया नहीं है तो बच्चे को तुम क्यों पढ़ाते हो. तुम्हारे जैसा बहुत वकील और जज को देखे हैं. हमलोग जज को भी कुछ नहीं समझते, अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि स्कूल के ऑफिस सुपरीटेंडेंट ने उनके और न्यायिक पदाधिकारियों के मान-सम्मान को ठेस पहुंचाई, मानहानि की और रंगदारी की, उनके बच्चे को रोक रखा. मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया , बच्चा स्कूल में ही काफी फफक कर रोने लगा.
आरोप लगाया है कि उनके बच्चे ने कोविड काल में डीएवी स्कूल के बस की सुविधा नहीं ली बावजूद उनसे बस का भाड़ा ,एस्टेब्लिशमेंट फीस, एरियर फीस, एनुअल चार्ज सब ले लिया गया. जबकि सरकार का आदेश है कि ट्यूशन फी छोड़कर स्कूल कोई दूसरा फीस नहीं ले सकता. अधिवक्ता ने आरोप लगाया है कि प्रबंधन ने केवल उनके साथ बल्कि दर्जनों अभिभावकों के साथ अभद्रता की. उन्हें परेशान किया गया और जबरन पैसे लिए गए तब एडमिट कार्ड दिया गया. मामले की लिखित शिकायत सरायढेला थाना प्रभारी किशोर तिर्की को दिए जाने के बाद भी आज तक उस पर कार्यवाही नहीं हुई ,मजबूर होकर अदालत की शरण लेनी पड़ी.
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