कब सुधरेंगे धनबाद के सरकारी स्कूल ! कहीं बच्चे नदारद, तो कहीं गुरु जी की किल्लत
.jpg)
.jpg)
धनबाद (DHANBAD) : धनबाद के जिला स्कूल का भाग्य क्या बदलेगा ! यह सवाल इसलिए कि धनबाद के सबसे बड़े सरकारी स्कूल जिला स्कूल सहित धनबाद के 3 स्कूलों को सीबीएसई से मान्यता दिलाने की प्रक्रिया शुरू हुई है. इन तीन स्कूलों में धनबाद का जिला स्कूल, टेलीफ़ोन एक्सचेंज रोड का एसएसएलएनटी और कस्तूरबा विद्यालय शामिल है. वैसे पूरे झारखंड के 80 स्कूलों को सीबीएसई की मान्यता दिलाने की प्रक्रिया शुरू की गई है. लेकिन जिला स्कूल सहित अन्य तीन को कबतक सीबीएसई के मानक पर उतारा जाएगा, यह सवाल अभी भी बना हुआ है. धनबाद जिला स्कूल में 14 रेगुलर शिक्षक हैं जबकि 7 डेपुटेशन पर हैं. हालांकि भवन निर्माण आदि के काम चल रहा है.
बड़ा सवाल : कब तक होगा स्कूलों का भाग्योदय
अब देखना होगा, यह काम कब तक पूरे होते हैं और कब स्कूल का भाग्योदय होता है. The News post की टीम ने ग्राउंड जीरो का जायजा लिया और जाना स्कूल की वर्तमान स्थिति अभी क्या है . शिक्षकों की कमी का संत्रास स्कूल झेल रहा है. बच्चे तो 14 सौ से अधिक हैं लेकिन पर्याप्त शिक्षक नहीं हैं. उचित संसाधन नहीं है हालांकि जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रबला खेस का दावा है कि सब कुछ ठीक हो जाएगा, काम चल रहा है.
29 लाख आबादी और 3000 स्कूल
बता दें कि धनबाद जिले की आबादी 29 लाख है और सरकार सीबीएसईआईसीएसई और गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को मिला दिया जाए तो लगभग 3000 स्कूल धनबाद जिले में संचालित हैं. स्कूलों को अगर संख्या के हिसाब से देखा जाए तो धनबाद जिले में कुल 2543 सरकारी स्कूल हैं, जिनमें उच्च विद्यालयों की संख्या 180 है. सीबीएसई के 64 स्कूल हैं, आईसीएसई के 11 जबकि गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की संख्या 369 है. बता दें कि पूरे झारखंड में सरकारी शिक्षा व्यवस्था की हालत सही नहीं है. धनबाद भी इससे अछूता नहीं है.
4+