झरिया में 23 बिलियन क्यूबिक मीटर सीबीएम मौजूद ,दोहन का तरीका बताएगा आईआईटी आईएसएम


धनबाद (DHANBAD) : झरिया, नॉर्थ कर्णपुरा, बोकारो जिले में सिर्फ कोयला ही नहीं बल्कि कोल बेस्ड मिथेन का भी प्रचूर भंडार है. नॉर्थ कर्णपुरा में बोकारो, रामगढ़ और हजारीबाग जिले के हिस्से पड़ते हैं. आंकड़े के मुताबिक झरिया में 23 बिलियन क्यूबिक मीटर, नार्थ कर्णपुरा में 28 बिलियन क्यूबिक मीटर और बोकारो में 23 बिलियन क्यूबिक मीटर गैस के भंडार का अनुमान किया गया है. विश्व में कोयले का रिज़र्व रखने वाले देशों में भारत पांचवे नंबर पर है. जाहिर है कोयला अधिक है तो कोल बेस्ड मीथेन भी होगी.
कोल बेस्ड मिथेन बनेगा कोयले का विकल्प
कोल बेस्ड मिथेन को अभी कोयले के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है. इसका उपयोग पावर जेनरेशन, सीएनजी (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) के साथ इसका अन्य उपयोग भी हो सकता है. अब आप पूछ सकते हैं कि कोल बेस्ड मिथेन आखिर है क्या और इसे निकाला कैसे जाता है या जाएगा. तो जानकार बताते हैं कि जमीन के अंदर कोयले की सीम को ड्रिल कर निकाला जा सकता है और फिर इसका उपयोग किया जा सकेगा. सीबीएम (कोल बेस्ड मिथेन ) के दोहन पर सरकार का भी जोर है और कई परियोजनाएं शुरू की गई है और कुछ शुरू होने वाली है.
आईआईटी आईएसएम और डीजीएच में हुआ करार
इधर आईआईटी आईएसएम ,धनबाद को एक बड़ी जिम्मेवारी मिली है. जानकारी के अनुसार आईआईटी आईएसएम ,धनबाद व डायरेक्टर जनरल ऑफ हाइड्रोकार्बन (डीजीएच् ) नोएडा के बीच एक मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू ) हुआ है. डी जीएच पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधीन है. आईआईटी धनबाद और दी जीएच संयुक्त रूप से कोयले पर काम करेंगे, विशेषकर सीबीएम से संबंधित अनुसंधान एवं विकास की गतिविधियां सहित अन्य कार्य देखेंगे. आईआईटी धनबाद के निर्देशक प्रोफेसर राजीव शेखर व डॉक्टर आनंद गुप्ता ,एडीजी डेवलपमेंट एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं.
रिपोर्ट : सत्य भूषण, धनबाद
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