टाटा स्टील खोलेगी तीसरी आईटीआई(ITI), झारखंड सरकार और टाटा स्टील के बीच हुआ एमोयू(MOU)


जमशेदपुर(JAMSHEDPUR): ग्रामीण युवाओं को इंडस्ट्रीज़ में कार्य करने के योग्य बनाने के लिए जमशेदपुर से सटे सरायकेला के चांडिल में टाटा स्टील तीसरा आईटीआई(ITI) खोलेगी. जिसमें सत्र 2023 यानि अगले साल से शुरू हो जाएगा. इसको लेकर आज रांची में झारखंड सरकार और टाटा स्टील फाउंडेशन के बीच एक एमओयू(MOU) हुआ. टाटा स्टील फाउंडेशन के चीफ सौरभ Roy और झारखंड के श्रम सह स्किल डेवलेपमेंट मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने विभिन्न पदाधिकारियों की उपस्थिति में एमओयू पर हस्ताक्षर किए.
टाटा स्टील के कारपोरेट सर्विसेज़ के वाइस प्रेसीडेंट चाणक्य चौधरी ने कहा कि टाटा स्टील फाउंडेशन झारखंड और उड़ीसा में युवाओं को दक्ष बनाने में लगा है. झारखंड के युवा अपनी वास्तविक क्षमता को पहचान सकें उसके लिए टाटा स्टील फाउंडेशन राज्य का तीसरा आईटीआई(ITI) खोलने जा रहा है जिसे विश्वस्तरीय संस्थान बनाने की कोशिश होगी. यहां प्रशिक्षण के साथ-साथ स्कालरशिप भी मिलेगी. प्लेसमेंट को लेकर पिछले दो आईटीआई का रिकार्ड अच्छा रहा है. यहां तक कि विदेशों में भी युवाओं को नौकरी मिली है.
टाटा स्टील फाउंडेशन के चीफ सौरभ Roy ने कहा कि टाटा स्टील फाउंडेशन मुख्य रूप से हाशिए पर पड़े समुदाय खासकर ट्राइबल एरिया के युवाओं को झारखंड सरकार के सहयोग से दक्ष बनाने पर फोकस कर रहा है जिन्हें स्किल डेवलेपमेंट के माध्यम से रोजगार से जोड़ा जाएगा.
2023 से शुरू होगा तीसरा आईटीआई, पुराने दोनों आईटीआई का प्लेसमेंट रिकार्ड शानदार
टाटा स्टील फाउंडेशन की तरफ से जानकारी दी गई कि फाउंडेशन की ओर से स्थापित तमाड़ और जगन्नाथपुर के आईटीआई का प्लेसमेंट रिकार्ड शानदार रहा है. यहां से प्रशिक्षण प्राप्त युवा देश और विदेश में नौकरी कर रहे हैं. सुजुकी मोटर्स, हिंडालको, जैमीपोल समेत अन्य कई नामी कंपनियों में यहां के युवा काम कर रहे हैं. वहीं चांडील में खुलनेवाले आईटीआई में 2023 से प्रशिक्षण शुरू होगा. संस्थान में कुल 100 सीटें होंगी. प्रशिक्षण की अवधि दो साल की होगी.
जनजातीय बहुल इलाका है चांडिल
चांडील एक जनजातीय बहुल इलाका है जहां बड़ी संख्या में जनजातीय समुदाय के लोग रहते हैं. यहां आईटीआई खोलने का उद्देश्य है कि हाशिए पर पड़े इस क्षेत्र के युवाओं को राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण देकर उन्हें इंडस्ट्रीज़ फ्रेंडली बनाया जाए ताकि वे रोज़गार प्राप्त कर अपने परिवार का बेहतर भरण पोषण करने का सपना पूरा कर सकें.
रिपोर्ट: अन्नी अमृता, ब्युरो हेड, जमशेदपुर
4+