जमशेदपुर (JAMSHEDPUR) : ब्लेड मैन की अनोखी पहल शहर को वेस्टेज ब्लेड से मुक्ति दिलाने वाले अखिलेश चौधरी अब पंछियों और जानवरों के संरक्षण के लिए अनोखी पहल कर रहे हैं. शहर के विभिन्न जगहों पर पेड़ पौधों पर बकेट लगाकर पानी और पंछियों के लिए दाने डाल रहे हैं. वहीं जानवरों के लिए पानी का टब बना कर रखा ताकि इन्हें गर्मी में कोई परेशानी न हो.
ब्लेड मैन का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज
लौहनगरी जमशेदपुर के अखिलेश चौधरी को पूरा शहर ब्लेड मैन के नाम से जानता है. अखिलेश चौधरी शहर के वेस्टेज ब्लेड को एकत्रित कर अब तक अपनी एक अलग पहचान बना चुके हैं. इस कार्य को लेकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में इनका नाम भी दर्ज हो चुका है. शहर में गर्मी का प्रकोप धीरे-धीरे बढ़ना शुरू हो चुका है. सिर्फ मार्च महीने में गर्मी ने कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ 40 के पार पारा पहुंच गया. आसमान आग उगल रहा है जिससे लोग काफी परेशान हो रहे हैं. लेकिन इस तपिश गर्मी से बेजुबान जानवर और पक्षियों की लगातार मौत हो रही है. इसे देखते हुए अखिलेश चौधरी ने एक अलग पहल शुरू की है. शहर के चौक चौराहों पर लगे पौधों की डालियों पर बकेट में पानी और दाने पंछियों के लिए डाल रहे हैं, ताकि इस गर्मी में पंछियों को किसी प्रकार की परेशानी ना उठानी पड़े. अखिलेश चौधरी ने अपनी तीनप्लेट क्षेत्र से इसकी शुरुआत की है, और आने वाले समय में शहर के विभिन्न इलाकों में इस तरह की शुरुआत इनकी ओर से की जाएगी.
पक्षियों और पशुओं के लिए पानी और दाने की सुविधा उपलब्ध
स्वामी विवेकानंद संस्था अपनी पूरी टीम के साथ शहर के पूरे क्षेत्र में बेजुबां जानवर और पक्षियों के लिए एक अभियान की शुरुआत की है. साथ ही जानवरों के लिए टब बनाकर उसमें पानी रखवा रहे हैं ताकि इस गर्मी के मौसम में जानवरों को किसी प्रकार से भी पानी की समस्या ना हो. अब तक पूरे शहर में 100 ड्रमों को कटवा कर जानवरों के लिए पानी उपलब्ध कराया है तो वहीं 100 से अधिक पेड़ों पर टब लगाकर पक्षियों के लिए पानी और दाना की सेवा उपलब्ध की है. वहीं इनके इस प्रयास की शहरवासी सराहना करते हुए नहीं थक रहे हैं. शहर वासियों ने कहा कि अब तक पंछियों और पशुओं के लिए किसी ने इस तरह नहीं सोचा था. लेकिन अखिलेश चौधरी ने पंछियों और पशुओं के सुरक्षा को देखते हुए इस तरह का कदम उठाया. जहां-जहां जानवर और पक्षियों के लिए टब लगाया जा रहा है, वहां आसपास के लोगों को इसकी सुरक्षा की जिम्मेवारी दी जा रही है.
हर साल गर्मी के दिनों में 1700 से अधिक बेजुबान जानवर और पक्षियों की मौत
वहीं पशु चिकित्सक की माने तो गर्मी के मौसम में इंसानों को लू लगने से काफी परेशानी होती है. वहीं खाना ना खाने और पानी की कमी के कारण बेजुबान जानवर और पक्षियों के भी गर्मी के दिनों में ज्यादातर मौत होती है. हर साल गर्मी के दिनों में 1700 से अधिक बेजुबान जानवर और पक्षियों की मौत होती है. डॉक्टर ने कहा कि जिस तरह गर्मी में लोगों को लगता है उसी तरह जानवरों को भी लू लगने का खतरा रहता है. इसलिए लोग ज्यादा से ज्यादा पानी और दाने का इंतजाम इन बेजुबान जानवरों के लिए करें
रिपोर्ट: रंजीत ओझा, जमशेदपुर
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