लोहरदगा (LOHARDAGA) : सदर प्रखंड के भुजनिया गांव में रहने वाले करीब 450 परिवार में 400 घर लोनी हैं. लोनी का मतलब कि इन्हें बैंक के द्वारा लोन दिया गया है. लेकिन, आश्चर्य की बात यह है कि गांव वालों को पता ही नहीं है कि कब इन्होंने बैंक जाकर लोन लिया है. बिना बैंक गए और बिना बैंक देखें उनके नाम पर 60 हजार, 70 हजार का तो किन्हीं का 90 हजार रुपए का लोन चढ़ गया है. अब जब बैंक का नोटिस इनके घरों में पहुंचा है, तब ये पूरी तरह से परेशान हैं कि आखिर इन्होंने कभी बैंक से लोन लिया ही नहीं तो ऐसे में ये बैंक के कर्जदार कैसे हो गए? कुछ ऐसे भी परिवार की महिलाएं सामने आई हैं, जिनके पति की मौत पहले हो चुकी है. लेकिन, उनके मृतक पति के नाम पर भी लोहरदगा शहरी क्षेत्र के यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा लोन दिया गया है. पूरा का पूरा गांव लोन के नोटिस से परेशान हैं. इन गांव वालों को वैसे लोन चुकाने होंगे जो इन्होंने कभी लिया ही नहीं है. पूरे मामले को लेकर गांव में हड़कंप मचा हुआ है. गांव के लोगों ने बैठक कर इस पूरे मामले में विचार विमर्श किया.
गांव के ही युवक ने लिया था कागजात पर अंगूठा
गांव के ही एक युवक के द्वारा उनके कागजात में अंगूठा लेकर पैसा पहुंचाने की बात कही गई थी. सरकार के द्वारा मिल रही राशि की बात कह कर इनसे अंगूठा लगवाया गया था. लेकिन लाखों का नुकसान होगा, यह इन्हें पता नहीं था. गांव के लोगों के अनपढ होने का फायदा कुछ दलालों ने उठाने का काम किया है. कहा जाए तो इस भुजनिया गांव में करोड़ों रुपए के कर्जदार गांव वाले हैं. अकाउंट एनपीए हो चुका है. अब नोटिस इनके पास पहुंची है. लोन का नोटिस जिन गांव वालों को भेजा गया है, वे लोग किसी प्रकार मजदूरी कर बमुश्किल 200 से 300 रुपए प्रतिदिन कमाते हैं. अब इन्हें लाखों रुपए का लोन बैंक को चुकाने पड़ेंगे. गांव के लोग पूरी तरह से मामले को लेकर परेशान हैं. क्योंकि इन्होंने ना ही कभी लोन लिया है और न ही कभी इस बैंक में गए थे. फिर इनके बिना गए बैंक से हजारों रुपए की निकासी इनके नाम से कैसे हो गई, यह सबसे बड़ा सवाल है. क्या दलालों के भरोसे बैंक चल रहा है? अब इन्हें लोन चुकाने की नोटिस दी जा चुकी है. लेकिन, देखना है कि पूरे मामले का खुलासा होने के बाद आगे की कार्रवाई प्रशासन क्या करता है.
रिपोर्ट : गौतम लेनिन, लोहरदगा
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