रांची (RANCHI) मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 15 नवंबर की सुबह राजधानी रांची के बिरसा चौक पर स्थित बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. माल्यार्पण के बाद मीडिया को सम्बोधित करते हुए कहा कि बिरसा जयंती के लगभग 150 वर्ष होने को हैं. हर वर्ष के भांति इस वर्ष भी बिरसा जयंती मनायी गई है.आज राज्य का स्थापना दिवस भी है. पर उससे ज्यादा यादगार भगवान् बिरसा मुंडा की जयंती है. इस जयंती दिवस की आवाज शायद गांव, कस्बे, गली मुहल्ले तक सीमित थी, देर से ही सही, पर आज पूरे देश में गूंजी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अब अपने संघर्ष और अपने बलिदानी और समाज के प्रति समर्पित होने वाली लहू के आवाज को कोई दबा नहीं सकता है.
दरकार जनजाति समाज को सहयोग करने की
जनजातीय गौरव दिवस के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि, जिसका जैसा घर वैसा पकवान. अब भारत सरकार, भारतीय जनता पार्टी ने घोषणा की है तो बेशक स्वागत योग्य है. पर घोषणा से इस समाज का पेट नहीं भर सकता है. जबतक हम इसे पूरी तरह से सपोर्ट नहीं करेंगे तो यूं ही इतिहास के पन्नों में छपते रहेंगे, यू ही मूर्तियां बनती रहेंगी. गौरतलब है कि भारत सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा जयंती को देश भर में जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है.
भावना के साथ कार्य करने पर होगा विकास
मौके पर राज्यपाल रमेश बैश ने बिरसा चौक पर माल्यार्पण किया और मीडिया से बात करते हुए कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने जिस उद्देश्य से जल जंगल जमीन को बचाने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोला, हमें उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए. इस बात की शपथ लेनी चाहिए कि मैं जो भी करुंगा, इस राज्य के विकास के लिए करुंगा. तभी राज्य स्थापना दिवस का समारोह सफल होगा.
जनजाति समाज के लिए गौरव का दिन
केंद्रीय मंत्री अंजन मुंडा ने बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए कहा कि भारत सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजाति गौरव जयंती के रूप में मनाने का अभूतपूर्व फैसला लिया है. आज का दिन जनजाति समाज के लिए गौरव का दिन है. इस दिन स्वाभिमान के साथ संकल्प लेने की आवश्यकता है. देश की आजादी में जनजाति समाज ने बड़ी संख्या में कुर्बानी दी है. उन सभी लोगों का आज से जनजाति गौरव दिवस मना कर सम्म्मान करेंगे.
रिपोर्ट : रंजना कुमारी (रांची ब्यूरो )
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