रांची(RANCHI): झारखण्ड और ह्यूमैन ट्रैफिकिंग का पुराना नाता है. यहां की बच्चियां आए दिन ह्यूमैन ट्रैफिकिंग की शिकार होती है. ऐसे मामले कई बार सामने आए है कि आदिवासी इलाकों से बच्चियों को नौकरी का झांसा देकर बेचा जा रहा है. हाल ही में झारखंड से तस्करी कर लाई गई 13 नाबालिग लड़कियों को दिल्ली में छुड़ाया गया था. वही वक बार फिर एक ऐसा ही दिल दहला देने वाला मामला सामने आया हैं जिसमे 11 आदिवासी बच्चियों को बैंगलोर से रेस्क्यू किया गया जिन्हे बेचने के लिए ले जाया जा रहा था. झारखंड सरकार की पहल पर सभी बच्चियों को बैंगलोर से रेस्क्यु कर वापस रांची लाया गया है. इसमें सभी बच्चियां पाकुड़ और साहिबगंज इलाके की है. ये बच्चियां पहाड़िया जनजाति से है. वही ऐसा पहली बार हुआ है कि जब झारखंड सरकार ने ऐसे किसी मामले में फ्लाइट से बच्चियों को रेस्क्यू कर वापस लाया हो.
बच्चियों को लाया गया वापस
भोले भाले आदिवासी लोगों को मानव तस्कर पैसे का लालच देकर बाहर प्रदेशों में बेच दिया करते है. झारखंड में ऐसा मामला कई बार सामने आया है, लेकिन अब सरकार के साथ मिलकर बाल संरक्षण आयोग लगातार बच्चियों को रेस्क्यु करने का काम किया जा रहा है. अब तमाम बच्चियां वापस अपने राज्य लौट गई है.इन्हें रांची एयरपोर्ट पर रिसीव करने के लिए बाल संरक्षण आयोग के सदस्य मौजूद थे.
सभी को ट्रेनिंग देकर नियोजन की योजना
एयर पोर्ट पर श्रम अधिकारी अविनाश कृष्ण ने बताया कि सरकार को सूचना मिली थी कि झारखंड की बच्चियों को बैंगलोर ले जाया गया है.इसके बाद बैंगलोर के अधिकारियों से मिलकर त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी को वापस अपने राज्य लाया गया है. फिलहाल रांची में सभी को ट्रेनिंग देकर नियोजन की योजना है.
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