टीएनपी डेस्क(TNP DESK): शराब नीति मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सोमवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अपनी गिरफ्तारी के बाद से एक हफ्ते से सीबीआई की हिरासत में हैं. सिसोदिया अब 20 मार्च तक तिहाड़ जेल में रहेंगे.
सिसोदिया को 2021-22 के लिए अब रद्द की जा चुकी शराब नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अदालत से कहा कि एजेंसी अभी और हिरासत की मांग नहीं कर रही है, लेकिन भविष्य में इसकी मांग करेगी, क्योंकि आरोपी व्यक्ति का आचरण सही नहीं है. सीबीआई ने अदालत से कहा कि "वे गवाहों को डरा रहे हैं. वे कार्यवाही को राजनीतिक रंग दे रहे हैं."
सिसोदिया ने मानसिक उत्पीड़न का लगाया आरोप
सिसोदिया ने शनिवार को अपनी सीबीआई रिमांड दो और दिनों के लिए बढ़ाए जाने के तुरंत बाद कहा था कि "मुझसे पूरे दिन सुबह से शाम तक एक ही तरह के सवाल पूछे जा रहे हैं. यह मेरे लिए मानसिक उत्पीड़न है." अदालत द्वारा पूर्व में दी गई हिरासत में सात दिन की पूछताछ की अवधि समाप्त होने पर उन्हें आज विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल के समक्ष पेश किया गया. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री को इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि उन्होंने टालमटोल भरे जवाब दिए और सबूतों का सामना करने के बावजूद जांच में सहयोग नहीं किया.
सिसोदिया ने दिल्ली की एक अदालत में दाखिल की जमानत अर्जी
इस बीच सिसोदिया ने दिल्ली की एक अदालत में जमानत अर्जी भी दाखिल की है, जिस पर 10 मार्च को सुनवाई होगी. अदालत ने सीबीआई से जवाब दाखिल करने को कहा है. जमानत याचिका में सिसोदिया ने कहा कि उन्हें हिरासत में रखने से कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि मामले में सभी बरामदगी पहले ही की जा चुकी है.
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