Ranchi-नवरात्र का प्रथम दिन कांग्रेस ने एमपी, तेलांगना और छत्तीसगढ़ के उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी. पहली सूची में मध्यप्रदेश-144, तेलागंना-55 और छतीसगढ़े के 30 उम्मीदवारों का नाम है. इस प्रकार अब तक कुल 229 नामों की सूची को जारी कर दिया गया है. पार्टी ने मध्यप्रदेश से पूर्व सीएम कमलनाथ को उनके परंपरागत सीट छिंदवाड़ा से उतराने का फैसला किया है, जबकि वर्तमान सीएम और पिछले 18 वर्षों से मध्यप्रदेश की बागडोर संभालते रहे शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ रामायण में हनुमान का किरदार निभा चुके विक्रम मस्ताल को उतारा गया है, उधर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल को उनकी परंपरागत सीट पाटन और डिप्टी सीएम टीस सिंहदेव को अंबिकापुर से टिकट दिया गया है.
राजस्थान को लेकर पार्टी में एकमत का अभाव
लेकिन इस सूची से राजस्थान के उम्मीदवारों का नाम गायब है. दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस के लिए सबसे अधिक मुसीबत राजस्थान में हैं, जहां उम्मीदवारों की लम्बी लाइन लगी है, हर खेमा अधिक से अधिक अपने समर्थकों को सीट दिलवाने पर अड़ा है. हालांकि अन्दरखाने खबर यह है कि कांग्रेस की नजर भाजपा के बागी विधायकों पर टिकी हुई है, और जानबूझ कर अभी राजस्थान की सूची को होल्ड पर रखा गया है.
हालांकि टिकट वितरण को स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष गौरव गोगई के नेतृत्व में कई दौर की बैठक हो चुकी है, इसमें सीएम गहलोत के साथ ही पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के साथ ही राजस्थान कांग्रेस के कई कदावर नेताओं की मौजूदगी रही है. लेकिन इन बैठकों से बात बनती नजर नहीं आ रही है.
सचिन पायलट और सीएम अशोक के बीच टिकट बंटवारे के लेकर जारी है रस्साकसी
दावा किया जाता है कि इस देरी की बड़ी वजह उम्मीदवारों के चयन को लेकर सचिन पायलट और गहलोत के बीच की रस्साकसी है, सचिन अपने समर्थकों के लिए अधिक सीट की मांग पर अड़े हैं. जबकि सीएम अशोक गहलोत की पहली प्राथमिकता उम्मीदवारों की जीतने की क्षमता और अपने प्रति उसकी प्रतिबद्धता है. हालांकि इस बीच खबर यह भी आ रही है कि इस विवाद को देखते हुए सीएम अशोक टिकट वितरण की पूरी प्रक्रिया को खुद अपने हाथ में लेने का मुड बना लिया है. हालांकि यह भी सत्य है कि सूची जारी करने के पहले सचिन की सहमति आवश्यक होगी.
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