धनबाद( DHANBAD): तो क्या धनबाद लोकसभा में शहरी वोटरों से अधिक जागरूक हैं ग्रामीण मतदाता. कम से कम 2019 के आंकड़े तो यही बताते हैं. धनबाद विधानसभा में 55.3% वोटिंग हुई थी, जबकि झरिया में 50. 4% मत पड़े थे. इसी प्रकार बोकारो में 53.3 प्रतिशत मत पड़े थे ,जबकि चंदन कियारी विधानसभा क्षेत्र में 73.73 प्रतिशत, निरसा विधानसभा क्षेत्र में 67.79 प्रतिशत और सिंदरी विधानसभा क्षेत्र में 71. 49 प्रतिशत वोट पड़े थे. वैसे धनबाद लोकसभा क्षेत्र में कुल 60.37 प्रतिशत वोटिंग हुई थी.
धनबाद लोकसभा क्षेत्र में आते हैं झरिया, चंदन कियारी, निरसा,धनबाद,बोकारो और सिंदरी. निरसा,सिंदरी और चंदन कियारी ग्रामीण क्षेत्र में चिन्हित है. इस बार जिला प्रशासन मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी है. हालांकि गर्मी का मौसम है . अभी ही तापमान 44 डिग्री के आसपास चल रहा है .धनबाद में 25 मई को मतदान है. ऐसे में तापमान और अधिक रहने की संभावना है. वोटरों को घर से निकाल कर बूथ तक ले जाना चुनौती होगी. बढ़ती गर्मी प्रशासन के साथ-साथ राजनीतिक दलों के लिए भी चिंता का विषय बना हुआ है. राजनीतिक दल चाहेंगे कि उनके समर्थक अधिक से अधिक मतदान करें. जिला प्रशासन वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए जिले में कई जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है. डीसी, नगर आयुक्त से लेकर प्रखंड स्तर के अधिकारी भी अपने क्षेत्र में अभियान चला रहे हैं. लेकिन 25 मई को गर्मी की वजह से वोटरों को घर से बूथ तक ले जाना प्रशासन और राजनीतिक दलों के लिए परेशानी हो सकती है. वैसे प्रचार प्रसार खूब किया जा रहा है.
पिछले साल की तुलना में इस बार वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने का प्रयास तेज कर दिया गया है. 2019 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर पशुपतिनाथ सिंह 4.86 लाख वोटो से चुनाव जीते थे. उनके सामने कांग्रेस के कीर्ति आजाद थे. जिन्हें भी लगभग 3.50 लाख वोट मिले थे. इस बार भाजपा ने बाघमारा के विधायक ढुल्लू महतो को प्रत्याशी बनाया है, तो कांग्रेस ने बेरमो के विधायक अनूप सिंह की पत्नी अनुपमा सिंह को उम्मीदवार बनाया है .प्रत्याशी घूम रहे हैं, लोगों से संपर्क कर रहे हैं, वोट देने की अपील कर रहे हैं. धनबाद लोकसभा में निरसा, धनबाद, झरिया और बोकारो विधानसभा क्षेत्र डिसाइडिंग फैक्टर होते हैं. कांग्रेस के पास सिर्फ झरिया विधानसभा क्षेत्र है. बाकी पांच विधानसभा क्षेत्र भाजपा के पास है. भाजपा के प्रत्याशी ढुल्लू महतो प्रचार अभियान तेज कर दिया है तो अनुपमा सिंह भी प्रचार में जुटी हुई है .वादों का पिटारा खुलने लगा है. देखना दिलचस्प होगा कि बाजी किसके हाथ में जाती है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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