धनबाद(DHANBAD): झारखंड की पहली आठ लेन सड़क अब धनबाद के लोगों के लिए समस्या बन गई है. 31 दिसंबर 2022 तक काम पूरा हो जाना चाहिए था लेकिन लगता नहीं है कि अगले 6 महीने में भी यह काम पूरा होगा. काम की गति काफी धीमी है, नतीजा है कि अगल-बगल के लोग धूल फांक रहे है. वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं, लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं फिर भी काम की गति को तेज नहीं किया जा रहा है. अगल-बगल के लोगों का कहना है कि 2015 से काम चल रहा है लेकिन 2023 आ गया, काम अभी भी अधूरा ही है. रघुवर दास की सरकार ने 8 लेन सड़क की सौगात धनबाद को दी थी. बहुत शोर-शराबा हुआ था और इसे उपलब्धि बताई जा रही थी लेकिन रघुवर सरकार के बाद गठबंधन की सरकार जब आई तो पहले तो यह काम बंद करा दिया गया. फिर विश्व बैंक के दबाव पर काम चालू हुआ लेकिन यह काम गति नहीं पकड़ पाई.
सड़क पर खड़े है मिट्टी के बड़े-बड़े टिल्हे
सड़क पर अभी भी मिट्टी के बड़े-बड़े टिल्हे जमा किए गए है. लोगों को आने-जाने में भारी परेशानी हो रही है. अगल-बगल रिहायशी इलाके हैं, लगातार उड़ रहे धूल से लोगों को घरों में रहना मुश्किल हो गया है. अगल-बगल जो व्यवसायिक प्रतिष्ठान है, उनकी अलग ही परेशानी है. उनका कहना है कि उनका धंधा-व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है. लोगों को उम्मीद थी कि आठ लेन सड़क बन जाने के बाद इलाके का विकास होगा लेकिन जिस रफ्तार में काम हो रहा है, उससे तो लोग आजिज आ गए है. उनका कहना है कि अक्सर लोग गिरकर चोटिल होते हैं, हाथ पैर तुड़वाते हैं, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है. लोगों की अपील है कि काम को जल्द से जल्द पूरा कराया जाए. झारखंड सरकार को भी काम में गति लाने के लिए निर्माण में लगी कंपनी पर दबाव बनाना चाहिए अन्यथा जिस हिसाब से लोगों की परेशानी बढ़ रही है, यह आठ लेन सड़क बनने के पहले ही लोगों को तबाह कर देगी.
रिपोर्ट : शाम्भवी सिंह/संतोष, धनबाद
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