देवघर(DEOGHAR): अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के समन्वयक-सह-राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रणव झा ने बाबा बैजनाथ की पुण्य भूमि को प्रणाम करते हुए कहा कि यह देव स्थली है,जहां समाज के लोगों को आध्यात्मिक और सांसारिक के साथ अन्य बल मिलता है. उन्होंने कहा कि विगत 30 जनवरी को कांग्रेस का लोकप्रिय और अभूतपूर्व रूप से सफल भारत जोड़ो यात्रा का कश्मीर में समापन हुआ, जो 7 सितंबर को कन्याकुमारी से प्रारंभ हुई थी. जिस भाव से यह यात्रा की गई थी,लोगों में राहुल गांधी का जो संदेश देना था वह सफल रहा. इसके दूसरे चरण में ही हाथ से हाथ जोड़ो कार्यक्रम का शुभारंभ इस राज्य में 11 फरवरी को साहेबगंज के गुबानी मैदान में राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे एक विशाल जनसभा के बीच करने जा रहे हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष का इस राज्य में पहला दौरा होगा. कार्यक्रम को सफल बनाने में पार्टी के हर नेता और कार्यकर्ता लगे हुए हैं.
उन्होंने बताया कि हाथ से हाथ जोड़ो कार्यक्रम गांव,टोल,मोहल्ला,बुथ से लेकर पंचायत,ब्लॉक तक राहुल गांधी के संदेश को देने का काम करेगें. जिसमें मुख्य रुप से देश की गरीबी,बेरोजगारी,महंगाई के साथ गरीबी और अमीरी के बीच बढ़ती खाई है. लोगों की कम होती आय, आटा, दूध, तेल, पेट्रोल, रसोई गैस के दामों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी है. जो चीज कल तक 100 रु में एक किलो मिलता था वो आज 100 में तीन पाव ही मिल पा रहा है. इससे बचने के एक ही उपाय है, वो जनता की शक्ति का प्रयोग करना. इसके लिए सरकार को जिम्मेवार और उत्तरदाई बनाना होगा.
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार की मनमानी जारी है. राज्यों को जीएसटी, ट्राईबल फंड,खनिज संपदा के रॉयल्टी आदि के पैसे चवन्नी भर नहीं दे रहे हैं. गरीबों का ऋण माफी नहीं हो रहा है. परंतु अपने मित्रों पूंजी पतियों को जो एनपीए हो चुका है, देश छोड़कर भाग चुके हैं ऐसे लोगों को सारी सुविधाएं दी जा रही है. वहीं प्रधानमंत्री लोगों को कह रहे हैं कि आप आत्मनिर्भर बनो.
गोड्डा सांसद को झूठी लोकप्रियता हासिल करने में महारत
स्थानीय सांसद पर एक सवाल के जवाब में कहा कि गोड्डा सांसद को झूठी लोकप्रियता हासिल करने में महारत हासिल है. उनकी स्थिति डांवाडोल है. उनकी यह स्थिति है कि उनकी पार्टी ही इन्हें सीरियस नहीं लेती है. उनकी विश्वसनीयता पार्टी में समाप्त हो चुकी है. उनका संबंध सिर्फ धनाढ्य सेठों से है. उनकी राजनीतिक ही ऐसे लोगों के बदौलत है. उनके सोशल मीडिया पोस्ट स्पष्ट पता चलता है कि उनकी चाह मंत्री बनने की है,जो संभव नहीं है. राजनीतिक सेवा भाव से करने का है लेकिन यहां राजनीतिक लोभ से की जा रही है. यहां के लिए यह दुर्भाग्य है.
मीडिया के बारे में कही ये बात
मीडिया के विषय पर एक प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि जो स्वपोषित मीडिया संस्थान हैं, जो सरकार के अधीन नहीं हैं या उन्हें सरकार से किसी प्रकार का लोभ नहीं है और न ही गलत लाभ लेना है. उनके साथ कोई व्यवसाय नहीं है, वह संस्थान निष्पक्षता से बोल रहे हैं और दिखा भी रहे हैं. लेकिन इससे परे जो सरकार के साथ व्यवसाय में सम्मिलित और पोषित हैं. उनके पास निष्पक्षता का घोर अभाव है. आज सोशल मीडिया का भी भरपूर उपयोग किया जा रहा है और लोग उसे पसंद भी कर रहे हैं.
रिपोर्ट: रितुराज सिन्हा, देवघर
4+