चाईबासा (CHAIBASA) : हम धर्म-संस्कृति में तो धनी हैं लेकिन आर्थिक मोर्चे पर कमजोर हैं. लिहाजा हमें रोजगार से भी जुड़ने की आवश्यकता है. यह बात पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने कही. वे तांबो चौक में अयोजित उपरुम जुमुर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हम आर्थिक रूप से मजबूत हुए बिना आगे नहीं बढ़ सकते हैं. इसलिये हमें धर्म संस्कृति के साथ ही रोजगार की दिशा में भी आगे बढ़ने की जरूरत है. उन्होंने कार्यक्रम की थीम ओलेयाबु-पढ़ाओवाबु-सेंयानाबु पर कहा कि हमें इस थीम को अपने कर्मों से सार्थक करने की जरूरत है. पढ़ाई लिखाई और जागरूकता ही हमें अपने मार्ग पर अग्रसर कर सकता है. हमें संकल्प लेना चाहिये कि हमें सामाजिक और आर्थिक उन्नति के लिये इसे आत्मसात करें.
परिचय का मोहताज नहीं जुमूर
मौके पर सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि उपरूम जुमूर आज परिचय का मोहताज नहीं है. इस कार्यक्रम के जरिये हम एक दूसरे से मिलते हैं और अपनी भावनाओंव विचारों को साझा करते हैं. इसलिये दूसरे राज्यों में रहनेवाले हमारे लोग इसका बेसब्री से प्रतीक्षा करते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे सामाजिक कार्यक्रम होते रहना चाहिये. बिहार विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ चांपिया ने कहा कि हमें गर्व होना चाहिये कि हम उस धर्म से आते हैं जो पूरी दुनिया में सबसे प्राचीनतम है. इतना ही नहीं, हमारी भाषा भी दुनिया में सर्वाधिक प्राचीन है. ऐसे में हम दूसरे धर्म संस्कृति अपनाते हैं तो ये शर्मनाक है. हमारा जीवन दर्शन तथा धर्म प्रकृतिवादी है. प्रकृति ही हमारा ईश्वर है और वहीं हमारे धर्म का सर्वोच्च सत्ता है. इसलिये हमें अपने प्राचीनतम धर्म संस्कृति पर गर्व होना चाहिये. आदिवासी युवा महासभा के पूर्व अध्यक्ष भूषण पाट पिंगुवा ने कहा कि इस बार का थीम ओलायाबु-पढ़ाओवाबु-सेंयानाबु है. हमें इस थीम को आगे बढ़ाने और सफल बनाने का संकल्प लेने की जरूरत है.
हो भाषा रथ किया रवाना
आदिवासी हो समाज युवा महासभा के अध्यक्ष डॉ बबलू सुंडी ने कहा कि इस कार्यक्रम में हो भाषा रथ को भी रवाना किया गया है. यह रथ झारखंड के अलावे पश्चिम बंगाल तथा ओड़िशा में भी घूमेगी और भाषायी जागरूकता फैलायेगी. इसके लिये एक मुट्ठी चावल तथा दस रुपये चंदा दें ताकि हम पांचवीं अनुसूची में भाषा को शामिल करने के अंदोलन को आगे बढ़ा सके. इसके अलावे चाईबासा नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष गीता बलमुचू, यदूनाथ तियू, मोनिका बोयपाई, गब्बर सिंह हेंब्रम आदि ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम में 50 से अधिक स्टॉल लगाए गये थे. इसके पूर्व पुजारी बोयो गागराई तथा सतीश सामड ने कार्यक्रम स्थल पर साल वृक्ष की डाल स्थापित कर मुर्गे की बलि देकर पूजा अर्चना की और सुख समृद्धि की कामना की. कार्यक्रम में हो भाषा रथ को मधु कोड़ा, सांसद गीता कोड़ा और विधायक दशरथ गागराई ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. वहीं उन्होंने अदिवासी हो समाज महासभा का आधिकारिक लोगों और क्यूआर कोर्ड भी लांच किया गया. इसके अलावे संबंधित विषयों में परामर्श लेने के महासभा का हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया. मौके पर इपिल सामड, सांसद प्रतिनिधि विश्वनाथ तामसोय, बीरसिंह बुड़ीउली, हरीश बोदरा आदि मौजूद थे.
रिपोर्ट : संतोष वर्मा, चाईबासा
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