धनबाद(DHANBAD): बीमा कर्मचारी संघ, हजारीबाग मंडल के धनबाद इकाई की शाखा की संयुक्त वार्षिक आम सभा शनिवार को सम्पन्न को हुई. बगोदर विधायक बिनोद सिंह ने कहा कि एलआईसी से गहरा नाता है. आनेवाली चुनौतियों को समझना होगा. अमृतकाल में कुछ भी ठीक नही है. 75 साल में खड़ी की गई सार्वजनिक उद्योग बीमा, बैंक, रेल, बीएसएनएल को कॉरपरेट के हवाले किया जा रहा है. एलआईसी में आम आदमी ने छोटा-छोटा निवेश किया है. बैंकों में गरीबो का पैसा है. इससे बचने के लिए आंदोलन के सिवाय दूसरा कोई रास्ता नही है. संघ के महामंत्री जगदीश चंद मित्तल ने कहा कि एलआईसी देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. एलआईसी में सभी बीमा धारकों का निवेश पूरी तरह सुरक्षित है. हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी के विभिन्न कंपनियों का शेयर का भाव गिर गया. कुछ राजनीतिक पार्टियों और मीडिया ने कहा कि एलआईसी और स्टेट बैंक में निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ेगा. इस संबंध में अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ के संयुक्त सचिव सह संयोजक नीरज कुमार ने कहा कि "एलआईसी में निवेशकों का पैसा डूब जाएगा" बिल्कुल निराधार और गलत है.
एलआईसी में सभी बीमा धारकों का पैसा सुरक्षित है
एलआईसी में सभी बीमा धारकों का पैसा सुरक्षित है. मालूम हो कि 5 करोड़ की पूंजी से प्रारंभ होकर एलआईसी 67 वर्षों में 42 लाख करोड़ से अधिक की परिसंपत्ति अर्जित की है. संघ के अध्यक्ष हेमन्त मिश्रा ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुये कहा कि एलआईसी ने साफ किया है कि हिंडेनबर्ग रिपोर्ट पर उसकी कुछ चिंताएं हैं. सबसे बड़ा निवेशक होने के नाते एलआईसी को हिंडेनबर्ग और अडानी के प्रत्युत्तर पर सवाल करने का हक है. हम एलआईसी के दृष्टिकोण से सहमत हैं. एलआईसी की निवेश नीति के अनुसार इसके निवेश का 80% निवेश सुरक्षित प्रतिभूतियों में ही किया जाता है, यथा सरकारी प्रतिभूतियों में. शेष 20% एलआईसी इक्विटी में निवेश करती है और एलआईसी एक दीर्घकालिक निवेशक है. संघ के पूर्व अध्यक्ष महेंद्र किशोर प्रसाद ने कहा कि एलआईसी का अपना इन्वेस्टमेंट बोर्ड है और पूरी जांच के उपरांत ही बोर्ड द्वारा निर्णय लिए जाते हैं. अडानी ग्रुप में निवेश, जिसके बारे में लोग चर्चा कर रहे हैं, सिर्फ काल्पनिक हानि है, क्योंकि बाजार मूल्य नीचे चला गया है. यह हानि वास्तविक नहीं है.
विनिवेश के लिये यह समय ठीक नही है
आज की सभा को संबोधित करते हुए संघ के संयुक्त सचिव धर्म प्रकाश ने कहा कि विनिवेश के लिये समय ठीक नही है. महंगाई व बेरोजगारी बढ़ रही है. लगभग 23 करोड़ लोग घोर गरीबी में जीने को मजबूर है. लोगो के बीच बढ़ती आर्थिक खाई बड़ी समस्या है. धनबाद इकाई के सभी शाखाओ में बेहतर कार्य करनेवाले अभिकर्ताओं को संघ की ओर मेमोंटो दे सम्मानित किया गया.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद
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